amit shah

एक तरफ जहां 2024 लोकसभा इलेक्शन को लेकर नितीश कुमार सभी विपक्षी दल को एकजुट करने में लगे हुए हैं वहीं बीजेपी ने भी अपनी कमर कस ली है। बिहार में भाजपा का जदयू से गठबंधन टूटने के बाद बिहार में राजनीतिक समीकरण काफी बदल गए हैं। और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को मजबूत करने की पहल में लगे हैं। लेकिन बीजेपी की ओर से भी कोई कमी नहीं छोड़ने की कोशिश की जा रही है।

इसीलिए आगामी चुनाव को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बिहार के दो दिवसीय दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। अमित शाह का बिहार दौरा 23 और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में होने जा रहा है। जिसके कई मायने हैं जो काफी अहम बताया जा रहा है। अमित शाह सीमांचल की धरती से मिशन 2024 (Mission 2024) की तैयारी का आगाज करेंगे और सीमांचल में बीजेपी का झंडा गाड़ने के लिए भाजपा नेताओं की बैठक में जीत का मंत्र भी फूकेंगे।

शाह की नजर नेपाल और बांग्लादेश सीमा से सटे किशनगंज में बांग्लादेशी घुसपैठ पर लगाम लगाने पर भी रहेगी। इसी के मद्देनजर 24 सितंबर को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में शाह बीएसएफ, एसएसबी के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के फतेहपुर एसएसबी कैंप में गृहमंत्री का दौरा भी संभावित है, जहां वे नेपाल बॉर्डर का जायजा भी लेंगे। गृहमंत्री शाह 24 सितंबर को कोसी और सीमांचल के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

बता दें कि सीमांचल के चारों जिले पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में भाजपा की पकड़ अब भी कमजोर है। किशनगंज में तो 1999 के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल नहीं हुई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह सीट NDA गठबंधन में जदयू को चली गयी थी। गठबंधन टूटने के बाद ये हिस्सा भी बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

जेडीयू से बिहार में अलग होने के बाद भाजपा के लिए सीमांचल में चुनौती असल में और बढ़ गयी है। मिशन 2024 के मद्देनजर भाजपा ने बिहार में सभी सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। 2019 के चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन अब समीकरण बिल्कुल बदल चुका है।

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