बिहार में जहां 35 जिले सूखे की गिरफ्त में जा रहे थे, वहीं बिहार में मानसून के लौटने से बिहार में लोगों की खुश लौट आई है। लेकिन झमाझम बारिश से बिहार की कई नदियां उफान पर पहुँच रही है। कारण बिहार में रोज हो रही बारिश ही नहीं है। बल्कि नेपाल के तराई इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार की कई नदियां उफान पर है।
भारी बारिश के कारण कोसी, बागती, कमला बलान समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चूंकी है। वाल्मीकिनगर बराज से सोमवार, 1 अगस्त को पौने तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे गंडक नदी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा होने लगा है। बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सभी अधिकारियों और इंजीनियरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किया है।
सभी तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विभाग की टीमें रात्रक्षि गश्ती (night patrolling) कर रही हैं। बिहार के मधुबनी के जयनगर और झंझारपुर में कमला बलान, तो सीतामढ़ी में कटौझा और सोनाखान में बागमती नदी लाल निशान के ऊपर बह रह रही है।
वहीं खगड़िया में कोसी और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। कटिहार में महानंदा नदी चार जगहों पर उफान पर है। समस्तीपुर के कल्याणपुर में बागमती नदी ने कटाव तेज कर दिया है। वैसे ही पूर्वी चंपारण के सुगौली और बंजरिया में बूढ़ी गंडक का पानी लगातार बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के क्षेत्रों में कई नदियां खतरे के निशान से पार हो गई हैं। इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। बता दें कि पडोसी देश नेपाल में कई जगहों पर 300 मिलीमीटर से भी ज्यादा बारिश हुई है। जिससे कमला बलान और बागमती नदी के जलस्तर लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड में कोसी नदी कटाव कर रही है।