Dengue

मानसून के आने से जहां एक तरफ भारत देश में हरयाली आती है वहीं साथ में मछरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। इसी कर्म में इस साल डेंगू के मामले काफी बढ़ रहे हैं। निजी अखबारों से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक इस साल बिहार में अब तक 3,965 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। और राज्य के सभी जिलों में प्रतिदिन लगभग डेढ़ सौ डेंगू पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं। बात करें राजधानी पटना की तो यहां की स्थिति और भी खराब है। क्योंकि मिल रहे मरीजों में से 78 प्रतिशत डेंगू मरीज केवल राजधानी पटना के ही है।

पटना में रोजाना ही डेंगू के नए मामले दर्ज किये जा रहे है। बिहार में पिछले 2 साले के आंकड़ों के अनुसार 2022 में दर्ज किए गए मामलों 2020 और 2021 से 3.5 गुना से अधिक है। साथ ही इनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। बिहार में डेंगू के मामलों को बढ़ते देख बिहार स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। जिसके लिए अब पांच विभाग मिलकर इसका मुकाबला करेंगे।

मंगलवार, 11 अक्टूबर को पटना में एंटी लार्वा छिड़काव के लिए नगर निगम की 87 टीमें निकलीं और अलग से 12 विशेष टीमें भी निकाली गईं। हर टीम को एक-एक कर प्रत्येक वार्ड में भेजा गया। ये टीम प्रतिदिन अपने वार्डों में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करेंगी।

इधर, उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने डेंगू के बढ़ते मामलों को देखकर स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की। बैठक में डेंगू प्रभावित इलाकों में डेंगूरोधी दवा के छिड़काव व बचाव को लेकर चर्चा की गयी और मिलकर कार्य करने का निर्देश दिया गया। कल देर रात को उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव एनएमसीएच पहुंचे।

उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी समेत डेंगू वार्ड का मुआयना किया और तेजस्वी के आदेश पर जल्द से जल्द मरीजों के इलाज की व्यवस्था की। इस विजिट में तेजस्वी ने कुछ मरीजों स्वयं बातचीत भी की और उनसे से उनकी समस्या भी सुनी। कुछ मरीजों ने अपनी यह समस्या बताई की उन्हें बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है, क्योंकि वह अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती है। इस पर तेजस्वी ने जवाब दिया कि दवा की कमी को दूर की जाएगी और इस मामलें में चर्चा कर समस्याओं को हल किया जायेगा।

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