इस महीने होने वाले बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाई कोर्ट की तरफ से एक बड़ा फैसला सामने आया है। पटना हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। आरक्षण के खिलाफ वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार 4 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में अधिसूचित कर चुनाव कराए जाएंगे।
इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग चाहे तुम मतदान की तारीखों को आगे बढ़ा सकता है। आपको बता दें पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल आर एस कुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 3 जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती।
इधर आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग की पूर्व में जारी चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक स्थानीय निकायों में पहले चरण की वोटिंग 10 अक्टूबर और दूसरे चरण की वोटिंग 20 अक्टूबर को प्रस्तावित है। लेकिन आज हाई कोर्ट द्वारा आए फैसले के बाद इन तारीखों पर संकट के बादल छा गए हैं।
कोर्ट ने ऐसा माना कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत बगैर ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी आरक्षण दे दिया। बल्कि आरक्षण देने के पूर्व राजनीति पिछड़ेपन वाली जातियों को चिन्हित किया जाना था। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं कर सीधे आरक्षण दे दिया, जो कि कोर्ट की नजर में गलत है।