Lightening-Rod

बिहार में मानसून की रीएंट्री से लोगों की खुशियां भी लौट आई है। किसान खेत की ओर बढ़ रहे हैं और आम लोग बारिश का लुफ्त उठा रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही मौसम विभाग की ओर से बारिश के साथ साथ वज्रपात का अलर्ट भी जारी हो रहा है। जिससे आये दिन लोगों के मरने की खबरें सामने आ रही है। बता दें कि बिहार में इस मानसून सीजन के बीच वज्रपात से अब तक 161 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसी को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से बचने के लिए सभी सरकारी इमारतों पर तड़ित चालक यानि लइटेनिंग रॉड लगाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही बिहार राज्य आपदा प्रदंधन प्राधिकरण की ओर से एक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत ग्रामीण इलाकों के लोगों को आकाशीय बिजली से बचने के लिए जागरुक किया जाएगा। जिससे लोगों तक वज्रपात की सूचना तुरंत मिलेगी।

मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद से बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर जल्द ही यह तड़ित चालक लगेंगे। इससे लेकर नीतीश कुमार ने विशेष अभियान चलाने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विद्यालय, पंचायत भवन, प्रखंड, अंचल, अनुमंडल कार्यालय सहित अन्य सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।

शुक्रवार, 22 जुलाई को मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रही वज्रपात की घटनाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये। एक अणे मार्ग में हुई बैठक में वज्रपात के संभावित खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं इससे होने वाली मौत की घटनाओं में कमी लाने पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वज्रपात के संबंध में लोगों के बीच जारी की गयी एडवाइजरी और राज्य में निचले स्तर तक बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। जागरूकता अभियान के कारण वज्रपात से होने वाली मौत की घटनाओं में कमी आई है। क्योंकि साल 2020 में वज्रपात से 459 लोगों की मौत हुई थी। वहीं साल 2021 में 280 लोगों की मौत हुई थी। और इस साल अब तक 161 लोगों की मौत वज्रपात से हो चुकी है।

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