रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद में वहां फसे भारतीय छात्रों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। केंद्र सरकार युद्ध के हालात को देखते हुए वहां फसे छात्रों को लगातार वहां से निकालने में लगी हुई है। देश के कई राज्यों की तरह बिहार के बच्चे भी यूक्रेन में फसे हुए हैं। यूक्रेन में खराब माहौल के बीच बिहार के भागलपुर जिले के कई छात्र वहां फंसे हुए हैं। छात्रों ने अपने परिजनों से किसी तरह वहां से निकालने की गुहार लगाई है।
सुल्तानगंज के कटहरा निवासी मनोज कुमार सिंह का 18 वर्षीय बेटा शुभम सम्राट मेडिकल की पढ़ाई करने पिछले साल अप्रैल में यूक्रेन गया था। परिजनों के मुताबिक वहां की स्थिति काफी खराब है। परिजनों ने बताया कि शुभम के वहां फंसे होने से घर-परिवार के लोग काफी परेशान हैं। सरकार से उसे सुरक्षित देश वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स (हिंदुस्तान) के अनुसार, छात्र यूक्रेन के टरनोफील जगह पर एक हॉस्टल में फसे हुए हैं। मीडिया से शुभम की माँ ने बात करते हुए बताया कि यहां बमबारी शुरू है। बाहर निकलने में डर लगता है। उसने मुझे कहा कि मम्मी यहां से किसी तरह से निकालो माहौल यहां काफी खराब है।
वैसे ही भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के शेरमारी निवासी दिग्विजय उपाध्याय यूक्रेन में तीन साल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह यूक्रेन के लीवी शहर में पढ़ाई रह रहे थे। रूस के हमले की आशंका पूर्व में हो चुकी थी। इसे देखते हुए ही वह वापस आ गये। बता दें कि भागलपुर के अलावा कटिहार, पटना, सीवान, साहेबगंज आदि जिलों के भी कई छात्र पढ़ाई कर रहे थे। उसमें से कुछ लौट आए तो कुछ अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।