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बिहार में शराब की वजह से हुई मौतों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सवालों के घेरे में ला दिया है। विपक्षा उनपर लगातार निशाना साध रही है। वहीं अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान (Chirag Pawan) ने भी बिहार में शराब से हुई मौत पर अपना बयान जारी किया है। इसे लेकर चिराग पासवान ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है, जिससे जहरीली शराब के सेवन से होने वाली मौतों पर रोक लगायी जा सके।

चिराग पासवान ने कहा, ‘हमने राज्यपाल को पत्र लिखकर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है, ताकि जहरीली शराब के सेवन से होने वाली और मौतों को रोका जा सके।’ उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है जब गुरुवार को सारण में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई है और कई गंभीर हालत में हैं।

चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार आज तक कभी भी जहरीली शराब से हुई मौत के मामले में बिहार में कहीं दौरा करते नजर नहीं आए। नीतीश कुमार अपने राजनीति चमकाने के लिए ‘समाज सुधार यात्रा’ करते हैंष समाज से इनको कोई लेना-देना नहीं है।

उधर, राज्य में सत्तारूढ़ राजग के अन्य दल शराबबंदी पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। बिहार के पूर्व सीएम व हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी भी नशाबंदी पर सवाल उठा चुके हैं। मांझी ने भी सीएम से इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया था। मांझी ने बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार से कहा था कि शराबबंदी कानून के तहत सिर्फ गरीब लोगों को ही पकड़ा जा रहा है। जो लोग अवैध शराब के कारोबार में लिप्त हैं, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। पकड़े गए लोगों में से 70 फीसदी से ज्यादा गरीब लोग हैं।

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