बिहार में चल रहे पिछले 1 महीने से बेरोजगारी घटाने के मोर्चे में राज्य को जबरदस्त कामयाबी हासिल हुई है। केवल महीने भर में ही सुबे ने 3.6 फीसदी बेरोजगारी घटा ली है। सीएमआईई ने इस बात का खुलासा किया है ।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (Centre for Monitoring of Indian Economy, CMIE) के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के महीने में कुल 13.6 फीसदी बेरोजगारी थी। जोकि आगे चलकर सितंबर के महीने के अंत तक घटकर करीबन 10 फीसदी पर आ गई। लेकिन आपको बता दें कि यह आंकड़ा अभी भी राष्ट्रीय औषध 6.9% से ज्यादा है। दूसरी ओर हमारे पड़ोसी राज्य झारखंड की तुलना में बेरोजगारी दर बिहार से काफी ज्यादा है। आंकड़ों में सितंबर के अंत तक झारखंड की बेरोजगारी दर 13.50 फीसदी बताई गई है।
हमारे प्रदेश बिहार में अगर ध्यान दें तो यह पता चलेगा कि गांव में बेरोजगारी दर कम है, लेकिन वहीं शहरों में काफी ज्यादा। क्योंकि गांवों में खेती के मौसम में रोजगार की गतिविधियां बढ़ जाती है। जबकि शहरी की बात करें तो ख़ास करके कोरोना काल में छोटे-छोटे स्वरोजगार या धंधे बड़ी तादाद में बंद हुए हैं जिसके कारण अभी भी वह लोग बेरोजगार ही बैठें हैं।
गौरतलब है कि बरसात खत्म होते ही सरकारी और निर्माण परियोजनाओं में काफी तेजी आएगी। सरकार का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी। अतंत: राज्य सरकार कुल मिलाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने का प्रयास कर रही है।