आईजीआईएमएस में ओपीडी सेवा शुरू तो हो गई है, लेकिन यहां मरीजों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। पिछले दो दिनों में दूर-दराज से आए सैकड़ों मरीज बिना इलाज के वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। ओपीडी में मोबाइल एप से रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस व्यवस्था के तहत मरीज के पास एंड्रायड फोन जरूरी है। ई-मेल भी होना चाहिए। ओपीडी में इलाज कराने आने वाले कई मरीजों के पास एंड्रायड फोन और ईमेल की सुविधा नहीं थी। यही नहीं कई मरीजों के पास यह सुविधा होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था। रजिस्ट्रेशन में मदद के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा काउंटर नंबर 17 के पास दो तीन कर्मियों की तैनाती भी की थी। लेकिन मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ।
निजी एजेंसी को जिम्मेदारी
कंकड़बाग के उपेंद्र कुमार शनिवार से ही लगातार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास कर रहे थे। सोमवार को भी उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि पहले वे आईजीआईएमएस की वेबसाइट पर जाकर ऑननलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर कई बार अपने परिजनों और अपना इलाज करा चुके हैं। अभी आईजीआईएमएस प्रशासन ने एक निजी एजेंसी को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दे दी है और पहले के वेबसाइट को जानबूझकर डिसेबल कर दिया गया है। अप्रैल में कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल घोषित होने के बाद आईजीआईएमएस में दो महीने बाद ओपीडी सेवा शनिवार से शुरू हुई है। पिछले दो दिनों में सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा। कोरोना में भीड़ कम होने करने के लिए 50 मरीज क्लीनिकल ओपीडी में और 30 मरीज सर्जिकल ओपीडी में दिखाने की सीमा तय की गई है।
पिछले दो दिनों से रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास कर रहा हूं। शनिवार को भी आया था लेकिन बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दिखाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण निराश लौटना पड़ रहा है। कुछ समझ नहीं आ रहा है।
-हरि कुमार, हाजीपुर
सुबह छह बजे से ही रजिस्ट्रेशन का प्रयास अपने फोन से कर रहा हूं। लेकिन एक समय आकर न तो विभाग का चयन हो पा रहा है और न ही डॉक्टर का। काफी मुश्किल हो रही है। इलाज नहीं हो पा रहा है।
-मो. कलाम, छपरा