दरभंगा पार्सल ब्लास्ट के तार अब विदेश से जुड़ गए हैं। धमाके के पीछे बड़ी साजिश की बात सामने आ रही है। इस मामले में चार संदिग्धों की भूमिका का पता चला है, जिसमें दो देश से बाहर के हैं। जांच एजेंसियां मामले की तह तक पहुंचने के करीब हैं। एक-दो दिनों में चौंकानेवाला खुलासा हो सकता है।
दरभंगा पार्सल ब्लास्ट के तार अब विदेश से जुड़ गए हैं। धमाके के पीछे बड़ी साजिश की बात सामने आ रही है। इस मामले में चार संदिग्धों की भूमिका का पता चला है, जिसमें दो देश से बाहर के हैं। जांच एजेंसियां मामले की तह तक पहुंचने के करीब हैं। एक-दो दिनों में चौंकानेवाला खुलासा हो सकता है।
दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच में बिहार एटीएस के साथ तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता भी लगा है। तह तक पहुंचने के लिए खुफिया एजेंसियां भी अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को इस मामले में अहम सुराग हाथ लगे हैं। चार संदिग्धों के इसमें शामिल होने की बात सामने आई है। इसमें दो भारत के हैं जबकि दो अन्य के विदेश में होने की बात कही जा रही है। कुछ संदिग्धों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में भी लिया है, जिनसे पूछताछ में कई अहम जानकारी हाथ लगी है। हालांकि मामले के तार विदेश से जुड़े होने के कारण फिलहाल अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। आशंका है कि इसके पीछे बड़ी आतंकी साजिश हो सकती है।
कपड़ों के जिस पार्सल में धमाका हुआ था उसमें एक शीशी भी मिली थी। उसमें कुछ केमिकल था। बताया जाता है कि कपड़ों के बंडल की आड़ में उसी केमिकल को संदिग्धों तक भेजा जाना था। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर कौन सा केमिकल शीशी में रखा था। एफएसएल की प्रारंभिक जांच में कुछ तथ्य सामने आएं हैं, लेकिन मामले गंभीरता को देखते हुए उक्त शीशी को जांच के लिए हैदराबाद स्थित सीएफएसएल भेजा जाएगा।
तीन राज्यों से जुड़ा है तार
पार्सल में हुए धमाके की जांच में तीन राज्यों की एटीएस जुटी है। 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से भेजे गए पार्सल में कम क्षमता का विस्फोट हुआ था। जीआरपी की शुरुआती छानबीन के बाद बिहार एटीएस इसकी जांच में जुटी। पार्सल सिकंदराबाद से भेजा गया था, लिहाजा तेलंगाना एटीएस भी इसकी छानबीन में लग गई। पार्सल पर जो मोबाइल नम्बर मिला वह उत्तर प्रदेश के शामली का है। इसके बाद उत्तर प्रदेश एटीएस की मदद ली गई।