बिहार के नवादा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां एक साथ एक ही परिवार के 5 लोगों ने जहर खा लिया है। नवादा जिले से आ रही इस बड़ी खबर में परिवार ने यह फैसला कर्ज में दुबे होने के कारण लिया है। एक ही परिवार के 5 लोगों ने एक साथ अपनी जान दे दी है। नवादा के न्यू एरिया मोहल्ले के केदार लाल गुप्ता ने बुधवार, 09 नवंबर की देर रात अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ जहर खा लिया। जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक बेटी की हालत गंभीर बताई जा रही है।
परिवार द्वारा इस बड़े कदम को उठाने के बाद (जहर खाने के बाद) सभी लोग जमीन पर तड़पने लगे। बेटे ने बताया कि हमने कर्ज के चलते जहर खा लिया है। वहीं आपको बता दें कि आत्महत्या करने वाले केदार लाल गुप्ता ने सुसाइड करने से एक दिन पहले 2 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। मौत के बाद गुरुवार, 10 नवंबर सुबह यह सुसाइड नोट मीडिया के हाथ लगा। जिसमें परिवार के मुखिया केदार लाल गुप्ता ने अपनी परेशानी बताते हुए सूदखोरों की प्रताड़ना का जिक्र किया है।
इधर, पुलिस इस सामूहिक आत्महत्या केस की जांच कर रही है। परिवार की एक लड़की की हालत गंभीर है, जिसका इलाज चल रहा है। उसने बताया कि परिवार पर कर्ज देने वाले दबाव बना रहे थे, इसी से तंग आकर यह कदम उठाया गया। पुलिस दूसरे एंगल से भी जांच कर रही है। परिवार के सभी सदस्यों ने अपने घर से दूर एक सुनसान इलाके में स्थित मजार के पास जाकर आत्महत्या क्यों की? यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
मीडिया के हाथ लगे दो पन्नों के नोट में कर्ज देने वाले 6 लोगों के नाम का जिक्र करते हुए केदार लाल ने उन्हें देश-समाज का दीमक बताया है। कहा है कि ऐसे लोग पूरे देश को दीमक की तरह चांट कर बर्बाद कर रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में भी लिया है।
आपको बता दें कि केदार लाल ने 8 नवंबर को यह सुसाइड नोट लिखा था, जो घटना के एक दिन पहले की है। नोट में केदार ने लिखा है कि उन्होंने कुछ लोगों से कर्ज लिया था। जिसमें छह महाजन लगातार परेशान कर रहे हैं। शहर के न्यू एरिया मोहल्ले के मनीष सिंह, विकास सिंह, विजय सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, डॉ. पंकज सिन्हा और गढ़ पर मोहल्ला के रणजीत सिंह से उन्होंने कर्ज लिया था। और पांच-छह साल से महाजन कर्ज के लिए परेशान कर रहे थे। कर्ज का दुगना-तिगुना ब्याज जमा कर चुके थे। फिर भी कर्ज खत्म नहीं हुआ।
सुसाइड नोट में जिक्र है कि कर्ज चुकता करने को महाजनों से मोहलत मांग रहे थे। साल-छह महीने का वक्त मांग रहे थे, लेकिन कर्ज देने वाले कुछ भी सुनने-समझने को तैयार नहीं थे। पिछले पांच-छह सालों से लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।
ब्याज नहीं देने की स्थिति में गाली गलौज करते थे। जिससे विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है। सुसाइड नोट में उन्होंने यह भी लिखा कि कर्ज देने वाले समाज का कीड़ा है, जो समाज को बर्बाद कर रहे हैं। कर्ज देने वाले छहों लोगों ने कई लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। ऐसे दीमक पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
बता दें कि जहर खा कर मरने वालों में घर के मुखिया 50 वर्षीय केदार लाल गुप्ता, 47 वर्षीय पत्नी अनिता कुमारी, बेटा 16 वर्षीय प्रिंस, बेटी 20 वर्षीय शबनम कुमारी, बेटी 17 वर्षीय गुड़िया कुमारी शामिल है।