भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ चुकी है। अब तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। देश में delta plus वेरिएंट के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक को अलर्ट कर दिया है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह की मानें तो जितनी तेजी से महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में 80 फीसदी आबादी को अगले दो महीने में टीका लगाना होगा तभी इस घातक वेरिएंट को हराया जा सकता है।

देश में मिले 50 नए केस
डॉ. सिंह ने कहा कि इस वेरिएंट का ट्रांसमिशन दूसरी लहर से काफी ज्यादा घातक है और इसमें जाम जाने का ज्यादा डर बना है। नए वेरिएंट को B.1.617.2.1 या फिर AY.1 के रूप के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह दूसरे राज्यों में यह वेरिएंट लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है इससे बिहारवासियों पर भी खतरा मंडरा रहा है। अकेले महाराष्ट्र में डेल्टा वेरिएंट के 21 मरीज हैं।

क्या हैं इसके लक्षण
स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण इतने घातक हैं कि फेफड़े की कोशिकाओं में पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूती से चिपक सकता है। यह फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। ये हमारी इम्युनिटी को कमजोर कर सकता है और चकमा दे सकता है। वायरस की चपेट में आने वालों में गंभीर रूप से खांसी, जुकाम और सर्दी देखने को मिली है। इसमें सिर दर्द, गले में खराश, नाक बहना जैसे आम लक्षण दिखाई देते हैं।