पंचायती राज संस्थानों के तहत प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए पढ़ने हेतु अवकाश के माध्यम तय किये गए हैं। नए प्रावधानों के तहत अध्ययन अवकाश पुरे सेवाकाल में मात्र एक बार और योग्यता के हिसाब से दिया जाएगा। हालांकि ये अवकाश बीएड करने वालों को नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस सन्दर्भ में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी।
शिक्षा विभाग के उपसचिव अरशद फ़िरोज़ के नाम जारी इस अधिसूचना बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय नियमावली से सम्बंधित है। शिक्षकों को अवकाश हेतु प्रावधान इसलिए दिया जाता है ताकि वे अपनी योग्यता बढ़ा सकें और इसका सीधा फायदा बच्चों की पढ़ाई को मिले।
अध्ययन अवकाश हेतु ज़रूरी पात्रता –
तीन साल से अधिक सेवा अवधि की पूर्णता
अनुशासनात्मक कार्रवाई या निलंबित शिक्षक पात्र नहीं
शिक्षक के प्रमाण पत्रों की जांच सही पायी गयी हो
शिक्षक का नियमित रूप से वेतन भुगतान हुआ हो या उसका पात्र हो
मूल कोटि के शिक्षक स्नातक ,स्नातकोत्तर और पीएचडी
स्नातक कोटि के शिक्षक जिस भी विषय के शिक्षक हों, उस विषय में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी
मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के शिक्षक की तरफ से स्नातकोत्तर एवं पीएचडी
अध्ययन अवकाश के उपरांत नियत अवधि तक कार्य का निर्धारण –
अध्ययन अवकाश इस शर्त के साथ स्वीकार किया जायेगा कि इस अवकाश के बाद उतनी अवधि तक अपनी सेवा अवश्य देंगे, जितनी अवधि के लिए शिक्षक की तरफ से अध्ययन अवकाश का उपभोग किया गया होI हालांकि, एक वर्ष से कम नहीं होगी.इसके बाद ही किसी अन्य सेवा में जाने के लिए अभ्यावेदन पर विचार किया जायेगाI