ganga river in danger line
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पटना क्षेत्र में बाढ़ से देखा जाए तो लोगो में काफी ख़ौफ़ बढ़ गया है। जहाँ एक तरफ़ बाढ़ से पटना क्षेत्र के अंतर्गत 51 गाँव बुरी तरह से ग्रसित हो चुके है। वहीं देखा जाए तो अब गंगा के पानी से राजधानी पटना भी प्रभावित होती नज़र आ रही है। आपको बता दें की गंगा नदी की लगातार बढ़ती जल स्तर अब खतरे के निशान से 84 सेंटीमीटर ऊपर पहुँच चूका है। मौसम विभाग द्वारा अगले आने वाले 4 दिनों तक बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाको में अलर्ट जारी किया गया है ताकि लोग खतरे वाले इलाके में सतर्कता से काम करे।

आपको बता दें की पहले उत्तरी बिहार बाढ़ से परेशान था तो वहीं अब बारिश से गंगा नदी के लगातार बढ़ते जल स्तर से दक्षिणी क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित हो चूका है। राजधानी पटना से लेकर बक्सर जिले तक गंगा नदी उफान में है वही अब धीरे-धीरे राज्य के पूर्वी क्षेत्र में भी बाढ़ जैसे हालात बनते नज़र आ रहे है। जहाँ फिलहाल नदियों के जलस्तर लगातार बढ़ने से रुक नहीं रही वहीं राज्य के दुबे हुए इलाको में अब तक लाखो के फसल बर्बाद हो चुके हैं। बाढ़ में हाजीपुर, आरा, बक्सर, छपरा,वैशाली, भागलपुर, मुंगेर, खगरिया, कटिहार जैसे कई सारे क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुके है। हालात अब ऐसी हो चली है की दुबे हुए इलाको में नाव चलने भी शुरू हो गए हैं।

जहां एक तरफ़ प्रशासन लोगो की मदत में लगातार तैनात नज़र आ रही, साथ ही हर क्षेत्र के अधिकारी रोज़ाना बाढ़ ग्रसित क्षेत्र का मुआयना करने निकल जाते है। जानकारी के अनुसार जहाँ भी कई दिनो से बारिश रुक रुक कर हो रही है, वहां प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर के रफ़्तार से जलस्तर बढ़ते नज़र आ रहे है। आपको बता दें कि की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के हर एक परिवार को आपदा अनुदान के तहत 6000 रुपए प्रति परिवार मुआवज़ा देने का भी ऐलान किया गया है।

वहीं रेड अलर्ट जारी करने के बावजूद राजधानी पटना के लोग लापरवाही बरकते दिख रहे है। लापरवाही भी ऐसी जहाँ जान का खतरा 2 तरीको से हो, कोरोना काल में बिना मास्क पहने वैसे इलाको में लोग घूम रहे जहाँ जान का खतरा हो और सख्ती से माना भी किया गया है। साफ़ दौर से प्रशासन द्वारा नदी के निकट जाने से और पटना के घाटो पर भी जाने से रोक लगाई थी फिर भी लोग रुके नहीं रुक रहे। पिछले रविवार पटना के गाँधी घाट, कृष्णा घाट और एनआईटी घाट पर लोगो की काफी भीड़ उमड़ते दिखी थी। जिसके बाद से अब सरकार ने भी घाटों को बंद करने का निर्णय ले लिया है।