बिहार में चुनाव हो न हो राजनितिक हलचल हमेशा बनी रहती है। ताज़ा वाकिया पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का है। पार्टी ने पटना में 14,000 sq फीट ज़मीन पर अपना दावा ठोक दिया है। दावें में तर्क यह दिया गया है की राजद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है और उसका कार्यालय सबसे छोटा तो उनके कार्यालय के पास जो 14,000 sq फीट ज़मीन खाली पड़ी है उसे उन्हें आवंटित कर दिया जाए। प्रदेश सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए यह तर्क दिया की वो ज़मीन हाई कोर्ट पूल की है। अब इसके जवाब में राजद दुबारा पत्र भेजने की तैयारी में है।
इससे पूर्व राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भवन निर्माण विभाग को गत 13 मार्च को पत्र लिखा था। उस पत्र में कहा गया था की राज्य में राजद के 75, भाजपा के 74 और जदयू के 43 विधायक हैं। राज्य में कार्यालय स्थापित करने के लिए 66,000 sq ज़मीन फ़ीट जदयू को, 52,000 sq फ़ीट ज़मीन भाजपा को और राजद को महज़ 19,842 sq फ़ीट ज़मीन कार्यालय बनाने के लिए दी गयी है। यह जदयू का महज़ 30 और भाजपा को आवंटित ज़मीन का 37 फीसद है। यह तर्क देते हुए राजद ने अपने कार्यालय से सटे एक खाली प्लाट को आवंटित करने की मांग की है। तर्क यह भी दिया गया है की कार्यालय छोटा होने के कारण उसे ज़रूरी काम निपटाने में दिक्कत होती है।
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की जब जदयू को कार्यालय विस्तार के लिए ज़मीन चाहिए थी तो उन्हें भी इसी तरह ज़मीन आवंटित की गई थी। विधायकों के 24 आवासीय फ्लैट तुड़वाकर करोरो रूपये से सभकाक्ष बनाये गए थे। अभी सरकारी धन से दोमंज़िला इमारत भी बनाई जा रही है। सरकार इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रही है। अगर वो बगल वाला प्लाट हमें आवंटित कर दिया जाता है तो राजद का कार्यलय जदयू के कार्यालय के मुक़ाबले सिर्फ 50 फीसद ही होगा।