बिहार के मंत्रिमंडल (बिहार कैबिनेट) ने हाल ही में एक बैठक कि जिसमे बिहार स्वस्थ्य सेवा गठन को मंज़ूरी दे दी है। शुक्रवार को हुए एक विशेष बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री संग उनके मंत्रिमंडल मौजूद थे। इस बैठक में कई विषयों पर चर्चा हुई और कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। इन सब में सबसे प्रमुख विदेश से एमबीबीएस की डिग्री लेकर आए डॉक्टरों की अहमियत ज़्यादा होगी, यानी की राज्य के मेडिकल नौकरी में उन लोगों की डिग्री को वेटेज मिलेगा।
विदेश में रह कर एमबीबीएस की पढ़ने करने वाले छात्रों को नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की परीक्षा में लाये प्राप्त अंक की प्रतिशत को ही मान्य मान कर नौकरी मिल जाएगी। बिहार स्वास्थ्य सेवा, संसोधन नियमावती 2021, के तहत विदेशी डिग्री होल्डर की एनएमसी में आये 50 प्रतिशत अंक भी बिहार राज्य के लिए मान्य होंगे। आपको बता दें की पहले बहार से मेडिकल की पढाई करके आये छात्रों की विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए अंक के आधे प्रतिशत मान्य होते थे। पर अब विदेशी विश्वविद्यालय में जितने भी आँख हो, आपके पास बस वहाँ की डिग्री होनी चाहिए बाकि एनएमसी में आये अंक ही बिहार राज्य के लिए मान्य होंगे। सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से आने वाले दिनों में मेडिकल छात्रों को काफ़ी फ़ायदा होगा।
राज्य में पहले मेडिकल कॉलेज बनाने की संसोधन को मंजूरी दी गयी, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी को मेडिकल की पढाई में आरक्षण देने का ऐलान किया गया और तो और राज्य सरकार द्वारा बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में 6000 से ज़्यादा डॉक्टरों की बहाली का भी फ़ैसला लिया गया है। इन सभी को देख ऐसा लगता है कि अगले चुनाव से पहले राज्य सरकार अपने मतदाताओं पर मज़बूत प्रभाव छोड़ने में कोई कमी नहीं छोड़ना वाली।