टीकाकरण महाअभियान के तहत सोमवार को बिहार राज्य ने एक बार फिर उपलब्धि प्राप्त की है। करीबन 7 लाख 76 हज़ार 999 लोगों को कोरोना टिका दिलवाया गया है। लेकिन जहां एक तरफ़ राज्य में टीकाकरण अभियान ज़ोरो से चल रहा है, वहीं दूसरी ओर ख़बर यह आ रही है कि राज्य में कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी है। जी हां! पिछले दिनों राज्य के केवल एक जिले में 60 से ज़्यादा कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की पुष्टि हुई है।
जानकारी के अनुसार दूसरे राज्यों से आने वाले रेल यात्रियों की कोरोना जांच होने के दौरान ही इन नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की खोज हुई है। सोमवार को दिल्ली से आने वाली स्वतंत्रता सैनानी एक्सप्रेस से उतरे 152 यात्रियों की कोरोना जांच हुई थी। इन यात्रियों की टेस्टिंग के साथ ट्रेसिंग, यानि कि इन सभी यात्रियों के संपर्क में आने वाले बाकि लोगों की जानकारी जुटाकर उनकी भी जांच की जाएगी। इसी बिच 30 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन सभी मरीजों में किसी भी प्रकार से कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। इसके बावजूद उन सभी यात्रियों के रिपोर्ट पॉजिटिव आएं हैं। वहीं अब इसमें और भी ज़्यादा लोगों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने की आशंका है। इसमें चौकाने वाली बात तो यह है कि यह सभी कोविड पॉजिटिव मरीज़ केवल बिहार के मधुबनी जिले में पाए गए हैं।
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा की माने तो पॉजिटिव पाए गएं सभी मरीजों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। लिहाज़ा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अब और भी सचेत होने की ज़रूरत है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी कर्मचारियों को अलर्ट रहने के साथ कुछ नए दिशा-निर्देश दिए हैं। इसमे सबसे प्रमुख दिशा-निर्देश है कि ट्रेन के साथ ही साथ अब स्टेशन पर भी कोविड के प्रतिबंध और बढ़ाने होंगे। अब तक बाहर से आने वाली ट्रेनों में 60 से ज़्यादा कोरोना केस पाए गए हैं। और वहीं दूसरी ओर, दिल्ली के अलावा मुंबई और कर्नाटक में कोरोना संक्रमित के दर काफी बढ़ गए हैं, ऐसे में मधुबनी को देर रात मुंबई से आने वाली पवन एक्सप्रेस में भी कोरोना पॉजिटिव मिलने की आशंका बनी हुई है। ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है की बिहारवासी और भी ज़्यादा सचेत रहें और सरकार द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देश का पालन करें।