बिहार में मानसून की दस्तक से पहले भारी बारिश और जगह-जगह वज्रपात की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है। कहा गया है कि अगले 48 घंटे तक उत्तर भारत में भारी बारिश हो सकती है। पश्चिम चंपारण से मधुबनी तक के सीमावर्ती जिलों में जबरदस्त बारिश होने की सम्भावना है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में इस दौरान वज्रपात होने की भी आशंका है। इन चेतावनियों के मद्देनजर सरकार ने राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए अगले 72 घंटे का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने 13 जून तक चंपारण समेत पूरे उत्तर बिहार में भारी बारिश की आशंका जताई है। बेतिया में आंधी-पानी और ठनका को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इधर, गुरुवार को बिहार में प्री मानसून की बारिश शुरू हो गई। राज्य में अगले 48 घंटे में मानसून दस्तक देने वाला है। बताया जा रहा है कि यह पूर्णिया की ओर से राज्य में प्रवेश कर सकता है। इससे पहले राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई है। कई स्थानों पर हल्की और मध्यम बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने मानसून आने तक सावधान रहने को कहा
किसी किस्म के जान-माल के नुकसान से बचने के लिए मौसम विभाग ने लोगों से सचेत रहने को कहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो मानसून की बारिश शुरू होने के बाद वज्रपात की तीव्रता और ऐसे बादलों के बनने की प्रक्रिया में कमी आएगी। लोगों से अगले दो से तीन दिन तक काफी सतर्क रहने की अपील की गई है।
पूर्णिया के रास्ते होगी मानसून की एंट्री
बिहार में मानसून पूर्णिया के रास्ते प्रवेश करेगा। जिसकी मानक तिथि 13 जून है लेकिन इस बार यह समय से एक या डेढ़ दिन पहले पहुंचेगा। इसके 11 जून की शाम से लेकर 12 जून की शाम तक बिहार में प्रवेश के आसार हैं।
इस बार समय से पहले आ रहा मानसून
अगर मानसून 48 घंटे में बिहार पहुंचता है तो बीते पांच-छह सालों में यह पहली बार होगा जब मानसून ने समय से पहले सूबे में प्रवेश किया हो। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 2015 में 22 जून को, 2016 में 17 जून को, 2017 में 16 जून को, 2018 में 25 जून को, 2019 में 22 जून और पिछले साल 2020 में 13 जून को मानसून ने सूबे में दस्तक दिया था। पिछले साल मानसून एकदम नियत समय पर पहुंचा था।
बिहार में कल शाम तक दे सकता है दस्तक
दक्षिणी पश्चिमी मानसून का करंट बिहार और बंगाल की सीमा के बागडोगरा तक पहुंच चुका है और अगले 48 घंटे में यह सूबे में प्रवेश कर जाएगा। दूरी के हिसाब से समझें तो अभी बिहार की सीमा से सबसे निकटवर्ती मानसून करंट 160 से 165 किमी दूर है और यह प्रतिपल अपना प्रसार बढ़ा रहा है। मानसून के प्रसार को लेकर सभी परिस्थितियां अनुकूल हैं और यह अपने स्वाभाविक गति से थोड़ा तेज बिहार की ओर बढ़ रहा है। बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की ओर से बनी चक्रवाती परिसंचरण की परिस्थितियां इसे बेहद अनुकूल मदद पहुंचा रही है। यह चक्रवाती परिसंचरण अगले दो दिनों में कम दबाव के क्षेत्र में विकसित हो जाएगा जो पूर्वोतर भारत में भारी बारिश की वजह बन सकता है।
48 घंटे का येलो अलर्ट जारी
बारिश और वज्रपात को लेकर अगले 48 घंटे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम के रुख को देखते हुए इस अलर्ट को 13 जून तक बढ़ाए जाने की संभावना अधिक है। मानसून के आगमन से पहले और मानसून के आगमन के दो तीन दिन बाद तक सूबे में कुछ जगहों पर अतिभारी, कुछ जगहों पर भारी और लगभग सभी जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। इस दौरान गरज-तड़क की स्थिति भी बनी रहेगी। उत्तर बिहार में अगले दो दिनों में कई जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। कुल मिलाकर पूरे बिहार में अगले पांच दिनों तक झमाझम बारिश के आसार जताए गए हैं। इसके प्रभाव से सूबे में अधिकतम तापमान तेजी से नीचे लुढ़केगा।
कई इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश
पिछले 24 घंटे में कई जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई। इनमें सिसवन में 130 मिमी, चनपटिया और पंचरूखी में 110 मिमी, कटैया, फारबिसगंज, भोरे, रामनगर में 90 मिमी, नरपतगंज, निर्मली और तैयबपुर में 70 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पटना में 40.4, गया में 6.4, दरभंगा में 28.4, सुपौल में 19.8 मिमी बारिश हुई। मंगलवार की देर रात शुरू हुई बारिश बुधवार की सुबह तक जारी रही। बारिश की वजह से राज्य में कई नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है।