पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार वासियों को अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना और बिहार वासियों की बहुप्रतीक्षित मरीन ड्राइव के पहले फेज का उद्घाटन किया था। जिसके बाद बिहार वासियों को मुंबई जैसा अनुभव मिलना शुरू हो गया है। गंगा पथ के पहले फेज के बनने के बाद अब लोगों को इसके पुरे निर्माण का इंतज़ार है। बता दें कि फरवरी 2024 तक जेपी गंगा पथ का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस निर्माण के काम की गति को देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि अब यह गंगा पथ दिसंबर 2023 में ही पूरा हो जाएगा। बता दें कि अभी तक 7.5 किमी के सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है। वाहनों का परिचालन भी शुरू हो गया है। और परिचालन शुरू होने के बाद से ही यहां लोगों का हुजूम जुटने लगा है। शाम के समय यहां हज़ारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं। और साथ ही इस गंगा पथ के पुरे होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
7.5 किलोमीटर के निर्माण के बाद भी अभी 13 किमी सड़क का निर्माण होना बाकि है। और अभी बरसात के चलते काम धीमा है पर अक्टूबर से फिर इसमें तेजी आएगी। बीएसआरडीसी के अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2023 तक पटना घाट तक एलिवेटेड सड़क बन जाएगी। चूंकि, गंगा नदी में एलिवेटेड सड़क बननी है इसीलिए नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद काम को धीमा कर दिया जाएगा।
15 जुलाई से बदलेगा गाड़ियों का आना जाना
जेपी गंगा पथ पर दीघा से पीएमसीएच की ओर जाने वाले वाहनों के लिए अभी वनवे व्यवस्था है। एक रास्ते से ही वाहनों का आना-जाना हो रहा है, लेकिन यह व्यवस्था 15 जुलाई को बदल जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पीएमसीएच जाने के लिए अलग तथा अस्पताल से जेपी गंगा पथ पर आने के लिए अलग रास्ते का प्रयोग हो सकता है। इस दिशा में काम चल रहा है।
साथ ही यह भी बता दें कि दीघा से दीदारगंज के पास जेपी गंगा पथ से आठ जगहों पर जुड़ाव होगा। वर्तमान में केवल एएन सिन्हा इंस्टीटयूट के पास ही कनेक्टिविटी है। एलसीटी घाट के पास आर्म तैयार है लेकिन यहां अशोक राजपथ को महावीर वात्यसल्य अस्पताल के पास डेढ़ मीटर ऊंचा किया जाना है। गंगा चैनल काफी ऊंचा है ऐसे में एक्सप्रेस-वे से आने वाली सड़क की ऊंचाई की तुलना में अशोक राजपथ काफी नीचे हो जाएगा। ऐसी स्थिति में सड़क की ढलान वाहनों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसीलिए अशोक राजपथ सड़क की ऊंचाई डेढ़ मीटर करनी है।