laboures minimum wages
laboures minimum wages

बिहार में छोटे पैमाने के कार्यकर्ताओं के लिए सरकार ने खुशखबरी दी है। राज्य में मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी आज यानी 1 अक्टूबर से बढ़ा दी गई है। श्रम संसाधन विभाग के परिवर्तनशील महंगाई भत्ते के अनुसार मजदूरो को तय किए गए दर में अब वृद्धि के साथ मजदूरी दी जाएगी। इस नए दर के साथ निचले स्तर के कार्यकर्ताओं का बड़ा हुआ मजदूरी शुक्रवार यानी आज से पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है।

आपको बता दें कि सरकार साल में हर दो बार न्यूनतम मजदूरी तय करती है। जिसमे इस साल एक अप्रैल 2021 को साल की पहली नई दर लागू हुई थी और इसी अनुसार दूसरी बार अब एक अक्टूबर से नई दर लागू हो रही है। श्रम संसाधन के जारी की गए सुचना के अनुसार, बढ़ी मजदूरी दर का लाभ दो करोड़ से अधिक मजदूरों को मिल सकेगा। जिसके अंतर्गत घरेलू कामगार से लेकर कृषि नियोजन के कामगारों को भी लाभ होगा। साथ ही साथ साबुन फैक्ट्री, सीमेंट कारखाना, पेपर उद्योग, होजियरी, आइसक्रीम कारखाना, पेट्रोल पंप, बिजली का खंभा, रेलवे पटरी बिछाने, बिस्कुट फैक्ट्री, आटा-चावल-तेल मिल, सड़क निर्माण, बाँध मरम्मत, होटल व रेस्त्रां सहित अन्य तरह के कार्य में लगे मजदूरों को लाभ होगा।

यह है न्यूनतम मजदूरी के नए रेट-

अकुशल मजदूरों को रोज़ाना 306 रुपए।

अर्धकुशल मजदूरों को रोज़ाना 318 रुपए।

कुशल मजदूरों को रोज़ाना 388 रुपए।

अतिकुशल मजदूरों को रोज़ाना 474 रुपए।

पर्यवेक्षीय मजदूरों को मासिक 875 रुपए।

नए दर 2 रुपए प्रति दिन से लेकर 68 रुपए महीना तक बढ़ाया गया है। जिसके अंतर्गत बताया जा रहा है कि अगर किसी ने भी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी तो उसे एक साल की सजा, या तीन हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। या फिर दोनों ही सजा मिल सकती है।