मुंबई के मालाबार हिल इलाके से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां लाखों की संख्या में मछलिया मरी पाई गयी हैं। जी हां, गुरुवार, 21 अप्रैल को जल प्रदूषण के कारण मुंबई के मालाबार हिल इलाके के बाणगंगा टैंक में लाखों मछलियां मृत तैरती मिलीं हैं। ऐसा पिछले 3 दिनों से हो रहा है और स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसे हटाने का काम कर रहे हैं। यह अप्रैल महीने में काफी अजीब माना जा रहा है। क्योंकि कोई त्यौहार नहीं हैं, जैसे पितृपक्ष अनुष्ठान, जिस कारण हर साल मछलियों की मौत का मुख्य कारण होता है।
इस इलाके के एक पर्यावरणविद् (Environmentalist) महेश ने बताया कि, “बाणगंगा में मछलियों का मरना त्योहारों के कारण सितंबर में एक वार्षिक मामला है। हालांकि इस साल अप्रैल में मछलियों की मौत हुई है जो हमारे लिए काफी चौंकाने वाली। मैंने उस जगह का दौरा किया जहां मछलियां मरी पाई गयी हैं और यह पता लगाने की कोशिश की कि मामला क्या है और यह जगह मछलियों के लिए दिन-ब-दिन बदतर क्यों होती जा रही है?”
“नालियों से टैंक में प्रवेश करने और इस प्रकार इसे प्रदूषित करने के कारण पानी का रिसाव होता है। तापमान बढ़ने से भी मौत हो सकती है। इसके अलावा, पास में एक भवन का निर्माण कार्य भी हो रहा है। झील में सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री के साथ पानी बहता है। इन सभी कारणों से भी टैंक में उच्च प्रदूषण हो रहा है और पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है जिससे ये मछलियां मर रही हैं।
वहीं साइट पर टैंक की सफाई करने वाले ठेकेदार ने इस बारे में बताया कि, साइट से मछली के चार ट्रक हटा दिए गए थे और सफाई की प्रक्रिया अभी भी चल रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, पितृपक्ष अनुष्ठान के दौरान, लोग अपने पूर्वजों को प्रतीकात्मक भेंट के रूप में पानी में बड़ी मात्रा में भोजन डालते हैं। इससे मछलियों की मौत हो जाती है। जिसे लेकर सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है।