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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पदाधिकारियों को दिए गए निर्देश के बाद मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में बिहार सरकार ने कई अहम निर्णय लिये हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन का एलान कर दिया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करके कहा, ‘कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया, इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह (Crisis management Group) को कार्रवाई करने हेतू निदेश दिया गया है.’

कोरोना संक्रमण में वृद्धि और उपचार को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना रखे है । कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा था की राज्य सरकार से बात करें और मंगलवार यानी चार मई को बताएं कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर आज निर्णय नहीं आता है तो हाईकोर्ट कड़े फैसले ले सकता है। कोरोना मरीजों के उपचार के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछा था। 

हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश के बाद भी कोरोना मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। राज्य के अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं बनी है। केंद्रीय कोटा से मिले रोजाना 194 टन की जगह मात्र 160 टन ऑक्सीजन का उठाव हो रहा है। राज्य में एडवाइजरी कमेटी तक नहीं बनी, जो इस कोरोना विस्फोट से निपटे, कोई वार रूम तक नहीं बना है। ऐसा लग रहा है कि पूरा तंत्र ध्वस्त हो चुका है। बेड व वेंटिलेटर की कमी और पांच सौ बेड का बिहटा ईएसआईसी अस्पताल शुरू करने के आदेश पर भी पूरी तरह काम नहीं हुआ। सरकारी रिपोर्ट भी भ्रामक थी, इसलिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाई। उसकी रिपोर्ट के उलट आंकड़े कोर्ट में विभाग दे रहा है।