किसी सड़क या पुल के निर्माण के लिए पांच साल का समय काफी होता है पर यहां निर्माण तो छोड़िये पांच वर्षों में सड़क निर्माण को लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तक नहीं तैयार कर पाया एनएचएआई। वर्ष 2017 में एनएचएआई को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला श्रंखला के तहत उमगांव-महिषी और चोरमा-बैरगनिया सड़क के लिए डीपीआर तैयार करने का ज़िम्मा दिया था। इसके अतिरिक्त दीघा-सोनपुर पुल के डीपीआर को भी मंजूरी के लिए एनएचएआइ को दिया गया था, पर अभी तक डीपीआर को लेकर किसी तरह की सुगबुगाहट नहीं है। इस बीच चर्चा यह है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इन परियोजनाओं का जिम्मा एनएचएआइ से वापस लेने की तैयारी में है।
उमगांव-महिषी सड़क का निर्माण भारतमाला श्रंखला के धार्मिक सर्किट के तहत होना है। उमगांव मधुबनी के हरलाखी के समीप है। यह मधुबनी जिले से होते हुए दरभंगा, सुपौल व सहरसा जिले को संपर्कता प्रदान करेगी। यह उच्चैठ भगवती स्थान से महिषी स्थित उग्रतारा भगवती स्थान को जोड़ रही है। चोरमा-बैरगनिया सड़क पूर्वी चंपारण को सीतामढ़ी से जोड़ रही है। यह सड़क मधुबन-ढाका-पकड़ीदयाल से बैरगनिया पहुंच रही है। 27 गांवों से होकर गुजरने वाली इस सड़क पर तीन बाइपास भी प्रभावित हैं। अभी तक इस सड़क के डीपीआर को लेकर कोई सुगबुगाहट तक नहीं है।
पटना के दीघा-सोनपुर पुल के समानांतर बनने वाले फोर लेन पुल को भी भारतमाला शृंखला के तहत शामिल कर लिया गया है। आरंभ में इसका निर्माण राज्य सरकार अपने स्तर से कराना चाहती थी, पर भारतमाला शृंखला में शामिल होने के बाद यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चला गया। राज्य सरकार ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा नए पुल के निर्माण को ले डीपीआर तैयार कराया था। उसे मंत्रालय को सौंपा गया। मंत्रालय ने इसे एनएचएआइ को सौंप दिया, पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।