बिहार अब आधुनिक हो रहा है। इस आधुनिकता में कई इंजीनियरों का भी मेहनत जुड़ा है। इसीलिए इंजीनियरों की सुविधा के लिए के NIT पटना का नया कैंपस तैयार किया जा रहा है। जी हां, NIT नया कैंपस बनने वाला है। पटना से 30 किलोमीटर दूर बिहटा बनाया जायेगा। और इस कैंपस को बनाने में तक़रीबन 500 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
पटना का मशहूर घाट NIT घाट जिस कारण से जाना जाता है वो कारण घाट से तक़रीबन 30-35 किलोमीटर दूर जाने वाला है। NIT Patna का नया कैंपस बिहटा में बनाया जायेगा। 474 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाला यह कैंपस कई आधुनिक सुविधाओं से लाश होगा। जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से इस कैंपस के लिए 125 एकड़ की जमीन आवंटित की गई है। आपको बता दें कि NIT Pana के इस नए कैंपस को 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
NIT पटना का बिहटा बनने वाला नया कैंपस 474 करोड़ 47 लाख 48 हजार 364 रुपए में बनेगा। Central Public Works Department की ओर से नए कैंपस के लिए DPR तैयार की गई थी। जिसे NIT Patna के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मंजूरी मिल गई है। CPWD की ओर से बनाई गई इस DPR रिपोर्ट को संस्थान के बिल्डिंग एंड वर्क्स कमेटी (BWC) की ओर से रिवाइज किया गया था। रिवाइज्ड प्लान के तहत अब 474 करोड़ 47 लाख 48 हजार से भी अधिक रुपए खर्च होंगे। जिसे फाइनेंस कमेटी की मंजूरी भी मिल चुकी है।
NIT के Director प्रो. पी के जैन ने बताया कि बिहटा में नए कैंपस के निर्माण के लिए टेंडर Publish हो चुकी है। और अगले महीने के अंत तक निर्माण को लेकर वर्क ऑर्डर देने की भी संभावना है। बात दें कि इस कैंपस के निर्माण के पहले चरण में 50 एकड़ भूमि पर कैंपस का निर्माण कार्य को शुरू किया जायेगा। पहले चरण के निर्माण के लिए एनआईटी की ओर से Project Management Consultant (PMC) नियुक्त किया गया है।
बिहटा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पटना के नए कैंपस के लिए साल 2016 में बिहटा में 125 एकड़ जमीन मिली थी। एनआईटी पटना के बिहटा में कैंपस निर्माण को साल 2021-22 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन बाकी सरकारी कामों की तरह इसमें भी देरी आई है। लेकिन अब इसके निर्माण को लेकर सरकार जाग गयी है। इस कैंपस का निर्माण ईपीसी मोड में किया जाएगा और जो आने वाले सालों में पूरा किया जायेगा।
नए डीपीआर रिपोर्ट में छात्रों की संख्या को बढ़ने की संभावना को देखते हुए एकेडमिक ब्लॉक के एरिया को और बड़ा किया गया। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आरक्षण के कारण छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी इसलिए एकेडमिक बिल्डिंग, लेक्चर हॉल और हॉस्टल के एरिया को बड़ा किया जायेगा। इसके लिए फैकल्टी, स्टाफ, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के एरिया को घटाया जायेगा। आपको बता दें कि एनआईटी के बिहटा वाले नए कैंपस की पूरी डिजाइन NIT टीचरों द्वारा डिज़ाइन की गयी है। नए कैंपस के मॉडल में बताया गया है कि कैंपस में पांच अकादमिक ब्लॉक के भवन के साथ एक अलग अकादमिक ब्लॉक में लेक्चर हॉल, कॉम्प्लेक्स होगा। छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास के साथ फैकल्टी क्वार्टर्स भी होंगे। संस्थान के डायरेक्टर के लिए निदेशक निवास की भी सुविधा होगी और अन्य कर्मचारियों के लिए अलग क्वार्टर्स होंगे।
नया कैंपस इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि बच्चों को बाहर से किसी चीज की जरूरत न पड़े। कैंपस के अंदर ही दो जगह खुदाई कर तालाब बनाया जाएगा। उस मिट्टी का उपयोग सड़क बनाने में होगा। एक तालाब का उपयोग ताजे पानी के लिए किया जाएगा जबकि दूसरे का अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
कैंपस के Sewage Treatment Plant के waste water के माध्यम से पानी रिचार्ज की व्यवस्था भी की जाएगी। कैंपस में बागवानी के लिए भी इसी पानी का इस्तेमाल किया जायेगा। अब अगर Electricity की बात करें तो उसके लिए अलग से पावर स्टेशन स्थापित किया जाएगा। और नए कैंपस के बन जाने के बाद 2 साल तक संस्थान के मेंटेनेंस का जिम्मा ठेकेदार के पास होगा, उसके बाद संस्थान को खुद मेंटेनेंस का जिम्मा उठाना होगा।
निदेशक प्रो. पी के जैन ने बताया कि बिहटा में नए भवन बनने के बाद भी पटना के वर्तमान 30 एकड़ कैंपस में सिविल और आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग साथ साथ B.Tech 1st yr. के छात्रों की पढ़ाई होगी। लगभग 2400 छात्र यहां पढ़ेंगे। जबकि, बिहटा में लगभग 4 हजार छात्रों की पढ़ाई करवाई जाएगी।
बिहार आधुनिकता की पटरी पर चलना शुरू कर चूका है। और ये चलना दौड़ तब बनेगा जब इंजीनियरस आधुनिक होंगे। और वो दिन अब दूर नहीं जब यहां के इंजीनियरस यहां से निकल कर बिहार को आधुनिकता की पटरी पर बुलेट ट्रैन की रफ़्तार से बिहार को आधुनिक बनायेंगे।