देश में कांग्रेस अपनी राजनितिक ज़मीन खो चुकी है। यह बात किसी भाजपा नेता ने नहीं बल्कि खुद महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कही और यह बात बहुत हद तक सही भी है। शरद पवार विपक्ष के दमदार नेताओं में से एक हैं जिन्हे कई बार पीएम मटेरियल भी बताया गया है। देश में अभी किसान आंदोलन चल रहा है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। इसी बीच देश में तीसरे मोर्चे को लेकर भी हलचल बढ़ गई है। इसी कड़ी में चौधरी देवी लाल की जयंती पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी नेता ओमप्रकाश चौटाला ने ममता बनर्जी, शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया है। इसमें ताजुब वाली बात यह है की उन्होंने भाजपा के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भी न्योता भेजा है।
पिछले दिनों नितीश कुमार भी अपने दिल्ली दौरे पर ओमप्रकाश चौटाला से मिले थे। इस बीच उन्होंने ओमप्रकाश चौटाला अपनी नज़दीकियां भी बताई थी। बिहार में भाजपा के ज़्यादा विधायक होने के कारण सरकार में उनका ज़्यादा दखल रहता है। इसलिए भाजपा और जदयू के बीच में बिहार में कई मुद्दे पर खींचतान लगी रहती है। ऐसे में सत्ताधारी पक्ष का साथी होने कारण अगर नितीश कुमार विपक्ष के कार्यक्रम में जाते हैं तो इसके अलग सियासी मायने होंगे हालांकि जदयू के सूत्रों ने कहा है की नितीश कुमार इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।
मगर इससे ज़्यादा चौकाने वाली बात यह है की भाजपा विरोधी दलों के इस आयोजन में विपक्ष के मुख्य नेताओं मे से एक और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को ओमप्रकाश चौटाला ने कोई न्योता नहीं भेजा है। इसके पीछे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है जबकि बाकी तमाम नेताओं के न्योते की पुष्टि स्वयं आयोजकों ने की है। लालू की पार्टी भाजपा विरोधी है ये किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में चौटाला का लालू परिवार को इस आयोजन में नहीं बुलाना तमाम चर्चाओं को जन्म देती है।