Sri Lakshmi Narasimha Swamy Temple

तेलंगाना के यादाद्री भुवनागिरी (Yadadri Bhuvanagiri) जिले में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर (Sri Lakshmi Narasimha Swamy Temple), दुनिया के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक बनने के लिए तैयार है। यह पुनर्निर्मित मंदिर पूरी तरह से काले ग्रेनाइट पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है, जिसे “कृष्णा शिला” (Kavitha Kalvakuntla) कहा जाता है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) सोमवार को इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस बात की जानकारी खुद उनकी बेटी और तेलंगाना राष्ट्र समिति की लीडर कविता कल्वकुंतला ने दिया।

कविता कल्वकुंतला ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “माननीय मुख्यमंत्री केसीआर गारू कल शुभ श्री लक्ष्मी नरसिम्हा यादाद्री मंदिर का उद्घाटन करेंगे जिसे एक सुंदर धार्मिक और स्थापत्य चमत्कार में बदल दिया गया है। यादाद्री मंदिर की शानदार वास्तुकला और परिवर्तन इसे दुनिया के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक बनाने के लिए तैयार है। श्री लक्ष्मी नरसिम्हा यादरी मंदिर का हर एक विवरण अद्वितीय है और भक्तों को भक्ति के सागर में बांधे रखने के लिए तैयार है।”

यह मंदिर, मंदिर निर्माण की द्रविड़ और काकतीय शैली दोनों का मिश्रण है। इस मंदिर के सात ‘गोपुरम’ अद्वितीय हैं क्योंकि नीचे से ऊपर तक वे पूरी तरह से पत्थर से बने हैं। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण ‘प्रह्लाद चरित्र’ है, जो जन्म से हिरण्यकश्यप की हत्या तक ‘भक्त प्रह्लाद’ की कहानी का मूर्तिकला प्रतिनिधित्व है। ‘प्रह्लाद चरित्र’ का निर्माण सोने से किया गया है।

भक्त हनुमानजी, नरसिंह स्वामी और यादा महर्षि की मूर्तियां देख सकते हैं जिन्होंने इस मंदिर में तपस्या की थी, और श्री रामानुजाचार्य को दीवारों पर देखा जा सकता है। इन मूर्तियों के अलावा कैसे श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी यादगिरिगुट्टा में एक स्वयंभू के रूप में उभरे ये भी दिखाया गया है। यहाँ एक ‘अड्डला मंडप’ भी है, जहाँ हर रात भगवान लक्ष्मी नरसिंह को झूले पर रखा जायेगा।

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