जहां एक तरफ करीबन 5 महीनों के बाद वाराणसी के काशी घाट पर होने वाली महाआरती एक बार फिर अपने पुराने स्वरूप में शुरु हो गई है। वहीं वाराणसी को देखते हुए बिहार में भी गाँधी घाट पर होने वाली आरती हो शुरू करने कि अनुमति मिली है। जी हां ! अनलॉक-6 के तहत मंदिर – मस्जिद,पार्क एवं अन्य पर्यटक स्थल को खुलने कि छूट मिलते ही पटना के गाँधी घाट पर होने वाली गंगा आरती को भी करीबन 17 महीनो के बाद पुनःआरंभ करने की अनुमति मिल गई है।
इस बात से सभी वाकिफ़ होंगे कि पिछले दिनों गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से पटना के सारे घाट दुबे हुए थे। अब जब नदी के जलस्तर खतरे के निशान से निचे आ चुकी है तो मौका रहते पर्यटन विभाग ने गंगा आरती एक बार फिर शुरू करने कि अनुमति दे दी है। हालांकि घाट पर अभी भी जाना खतरे से कम नहीं है, मगर फिर भी जिला प्रशासन एवं पर्यटन निगम के अधिकारियों ने रविवार यानि 5 सितम्बर से आरती शुरु करवाने का निर्देश दिया है। इसमें कोरोना से आए लम्बे व्यवधान के बाद एवं तीसरे लहर के आगमन को मद्देनज़र रखते हुए कुछ बंदिशों के साथ आरती करने की इज़ाजत मिली है। जिसमे कुछ नियम कानून को पालन करते हुए ही आरती होगी एवं पर्यटक को भी घाट पर जाने की अनुमति मिलेगी।
बिहार पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन ने मिलकर कुछ नियम बनाए है, उन सभी नियमो का पालन करते हुए ही आप आरती का आनंद ले सकेंगे। जिसमे सबसे पहले शक्त रूप से आदेश दिया गया है कि घाट के क्षमता से आधे दर्शकों को वो भी जो मास्क में होंगे उन्हें घाट पर प्रवेश दिया जाए। प्रवेश द्वार पर सैनेटाइज़र एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी लोगो के बिच सामाजिक दुरी हर हाल में बनाए रखना है। साथ ही घाट पर आरती के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सामग्री एवं आम आदमी के संपर्क में आए टेबल, कुर्सी आदि सामान को समय-समय से सैनेटाइज़ करना होगा। अर्थार्त समग्र रूप से लोगो को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। अतः इन सभी नियम कानूनों के साथ इस रविवार से आखिरकारी गाँधी घाट पर फिर से आरती की जाएगी।