लंबे वक्त से पटना के महावीर हनुमान मंदिर को लेकर चल रहे विवादों के बीच अब अयोध्या हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अखाड़ा के संतो ने अपनी भागीदारी दिखाना शुरू कर दिया है। अब राम नगरी के हनुमानगढ़ी पीठ ने अपना दावा जताते हुए महेंद्र दास को पटना हनुमान मंदिर का संचालन सौंप दिया है।
दरअसल काफ़ी समय पहले, अयोध्या के एक महंत नशीन प्रेमदास का यह बयान आया था कि पटना महावीर मंदिर अयोध्या के हनुमानगढ़ी से संचालित हुआ करता था। जिसपर बाद विवाद चला और फिर पटना हाई कोर्ट तक जा पहुंचा। कोर्ट में मुद्दा पेश होने से यह बात सामने आई कि 1948 ई. में पटना स्थित महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर के नाम से करार दिया गया था। मगर हनुमानगढ़ी पीठ की ओर से इस संबंध में अयोध्या के सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसने अपना दावा जताते हुए 300 साल पुराने महावीर मंदिर को अयोध्या हनुमानगढ़ी की संपत्ति करार दी है। आपको बता दें कि फिलहाल तक गुजरात के पूर्व डीजीपी कुणाल किशोर पटना महावीर मंदिर की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मगर रामानंदिय परंपरा के विख्यात मंदिर अयोध्या पीठ ने इसे गलत ठहरा दिया है। और हनुमानगढ़ी पीठ के पंचू ने एक बैठक की और उसमें पटना महावीर मंदिर पर आईपीएस कुणाल किशोर की देख रही में व्यवस्था कैसी थी। इस बात की पुष्टि करने के लिए महेंद्र दास को नया महान नियुक्त किया है। इसके साथ ही मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए सूर्यवंशी दास हो पुजारी का पद सौंपा गया है।