पटना हाईकोर्ट ने मकबरे से सटे वक्फ बोर्ड की इमारत को गिराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिहार भवन निर्माण निगम को एक माह के अंदर अवैध निर्माण को तोड़ने का निर्देश दिया है Iन्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार को सुनाया गया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगर बिहार भवन निर्माण निगम ने इस अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा तो पटना नगर निगम इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगा.
न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह ने अपने अलग फैसले में कहा कि केवल दस मीटर से अधिक के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाना चाहिए न कि पूरे निर्माण को।पटना हाईकोर्ट ने मकबरे से सटे वक्फ बोर्ड की इमारत को गिराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बिहार भवन निर्माण निगम को एक माह के अंदर अवैध निर्माण को तोड़ने का निर्देश दिया है I न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार को सुनाया गया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगर बिहार भवन निर्माण निगम ने इस अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा तो पटना नगर निगम इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगा I
न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह ने अपने अलग फैसले में कहा कि केवल दस मीटर से अधिक के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाना चाहिए न कि पूरे निर्माण को। कोर्ट ने पहले इस भवन के निर्माण पर रोक लगा दी थी, इसके बावजूद निर्माण कार्य हुआ। जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह, जस्टिस विकास जैन, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस राजेंद्र कुमार मिश्रा और जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई की I राज्य सरकार की ओर से संवैधानिक पीठ को बताया गया कि इस इमारत की पहली मंजिल में मुसाफिरखाना होगा, जबकि ऊपर की दो मंजिलों में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का कार्यालय होगा। इस पर जजों ने कहा था कि इसे गलत तरीके से बनाया गया है। यह तीन मंजिला इमारत है। भवन निर्माण के लिए पटना हाईकोर्ट से अनुमति नहीं ली गई थी I