आये दिन सरकार के सामने ऐसे कई टैक्स चोरी और घोटाले की खबर आ रही है जिसमे फ़र्ज़ी कंपनी के शामिल होने का मामला सामने आ रहा है। इसको रोकने के लिए GST नई तकनीक लाइ है जिसके तहत अब नै कंपनी के निबंधन के वक़्त उनके पता सुनिश्चित करने के लिए ऑन स्पॉट जिओ टैगिंग की जाएगी
ये नियम सभी तरीके के निजी और पब्लिक कंपनी के लिए लागू होंगे। जिओ टैगिंग के बाद कंपनी के पते और उसके नाम का VERIFICATION GST अधिकारी स्वयं करेंगे। GST अधिकारी कंपनी के दिए हुए पते पर स्वयं पहुंचेंगे और उनके ऑफिस के बोर्ड का फोटो खींच कर ऑन स्पॉट जिओ टैगिंग करेंगे। यानी इनकी फोटोग्राफी करते समय गूगल लोकेशन को ऑन करना होगा, जिससे कंपनी के नाम-पते के साथ एकदम सही लोकेशन भी दर्ज हो जाये. जिओ-टैग वाले इन फोटोग्राफ को भी कंपनी के प्रोफाइल के साथ लगाया जायेगा और यह जीएसटी के पास कंपनी के अन्य दस्तावेजों के साथ ही जमा रहेंगे. बाद में अगर यह गलत या फर्जी पाया जाता है, तो संबंधित पदाधिकारी पर भी सख्त कार्रवाई की जायेगी.
इससे गलत नाम-पते या एक ही पते-ठिकाने पर अलग-अलग नामों से दर्जनों फर्जी कंपनियां खोलने का सिलसिला काफी हद तक थम जायेगा. साथ ही फर्जी कंपनी खोल कर कई तरीकों से जीएसटी की चोरी करने की प्रवृत्ति में भी काफी हद तक कमी आयेगी.
इस नयी पहल से नयी निजी कंपनियों का निबंधन कराना थोड़ा मुश्किल हो गया है. अब फर्जी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने में काफी समस्या आयेगी. कंपनी के सत्यापन की पूरी प्रक्रिया ही नये तरीके से की जायेगी.बिहार के अलावा झारखंड और कोलकाता में भी बड़ी संख्या में शेल कंपनी बनाकर टैक्स चोरी करने या इन कंपनियों के नाम पर इ-वे बिल जेनेरेट करने के काफी मामले सामने आये हैं. हाल में झारखंड में ऐसी कंपनियों की आड़ में 300 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है.
अब तक बिहार में 900 स्क्रोरे की टैक्स चोरी ऑनलाइन इ वे बिल के माध्यम से हो चुकी है। इनमे से अधिकतर कपडे से जुड़े व्यापारी पाए गए थे। जांच के दौरान अधिकारियों को सिर्फ कागज़ पर ही कंपनी मिली जिसका वास्तिविक में कोई भी वजूद नहीं था। ऐसे ही चोरी को रोकने के लिए सरकार ने ये अहम् कदम उठाया है।