पटना यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में फणीश्वरनाथ रेणु के शताब्दी वर्ष के पूरे होने के उपलक्ष्य में 18 और 19 दिसम्बर 2021 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। विभाग के HOD प्रो. तरुण कुमार का कहना है कि फणीश्वरनाथ रेणु बिहार से हिन्दी के अप्रतिम-अनूठे कथाकार हैं। अपनी कृतियों के द्वारा फणीश्वरनाथ रेणु दुनिया भर में बिहार का परचम लहराया है और ऐसे ही गौरवशाली लेखक का उनके जन्म के 100 साल पूरे होने पर उनका सारस्वत स्मरण करना बहुत जरुरी है। जिसका कार्यभार पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग उठा रहा है।
आपको बता दें कि दो दिनों के इस शताब्दी वर्ष के उद्घाटन सत्र समेत कुल 6 सत्र होंगें। जिनमें रेणु-साहित्य के विभिन्न पक्षों पर विचार-विमर्श किया जायेगा। साथ ही शताब्दी वर्ष Seminar का उद्घाटन बिहार के माननीय शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी के द्वारा किया जायेगा। विभिन्न सत्रों में ‘लोक-रंग और रेणु का कथाशिल्प’, ‘1950 के आसपास का राष्ट्रीय परिदृश्य और रेणु के उपन्यास’, ‘हिन्दी कहानी: परंपरा, प्रयोग और रेणु’, ‘रेणु का कथेतर गद्य’, ‘रेणु और राजनीति’, ‘रेणु और हिन्दी सिनेमा’ जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा। इसके साथ ही रेणु की तीन प्रसिद्ध कहानियों ‘रसप्रिया’, ‘संवदिया’ और ‘आदिम रात्रि की महक’ का पाठ कुशल वाचक-वाचिकाओं के द्वारा भी किया जायेगा।
इस सेमिनार में दिल्ली से पुरुषोत्तम अग्रवाल, नासिरा शर्मा, गीता श्री, बनारस से आशीष त्रिपाठी, जम्मू से प्रत्यक्षा, पूणे से मनीषा कुलश्रेष्ठ, मुजफ्फरपुर से पूनम सिंह, पटना से उषा किरण खान, रामधारी सिंह दिवाकर, संतोष दीक्षित, जावेद अख्तर खाँ जैसे कई माननीय लोग भाग ले रहे हैं। साथ सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका भी इस सेमिनार में भाग लेने की संभावना विभाग द्वारा जताई गयी है। बता दें कि इस सेमिनार को दिल्ली के रज़ा फाउंडेशन और साहित्य अकादमी का भी सहयोग प्राप्त है।