2005 से लेकर अब तक JDU का साथ देने वाली महकमे में अब हड़कंप का माहौल बना हुआ है। इसका कारण है RJD का भाजपा का साथ छोड़कर JDU को सरकार बनाने का ऑफर देना। बिहार में ठंड के बीच सियासी पारा लगातार चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल ने गुरुवार को जातिय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का सपोर्ट किया और कहा कि इस इन दोनों मुद्दों पर अलग राय रखने वालों मंत्री और विधायकों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए जातीय जनगणना का मुद्दा राजनीति रूप से अहम है। ऐसे में वो इस मुद्दे को किसी भी हालत में आरजेडी को नहीं सौंप सकते। आरजेडी सूबे की सियासी लड़ाई और नीतीश कुमार की नब्ज को समझते हुए दांव चल दिया। आरजेडी ने साफ संदेश दिया है कि अगर जातीय जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी उनके साथ नहीं है तो चिंता की बात नहीं हम आपके साथ है।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के बयान के बाद बीजेपी ने आरजेडी पर अटैक किया है। बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर ने कहा है कि लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) अपनी पार्टी का जदयू मे विलय कर लें। नवल किशोर ने कहा कि वे लोग स्टंटबाजी कर रहे हैं। शुरू से ऐसा करते रहते हैं। नवल किशोर ने कहा कि जिस पार्टी ने राज्य के सिस्टम को खत्म कर दिया। राजद को जब पैसे की कमी हो जाती है। तो वे ये चाहते हैं किसी तरह कुछ दिन सत्ता में आ जाएं। वहीं छटपटाहट दिख रही है ।
जातीय जनगणना को लेकर बिहार की सियासत में क्या सत्ता परिवर्तन की बुनियाद रखी जा रही है। जेडीयू जातीय जनगणना के मुद्दे से अपने कदम पीछे खींचती नहीं दिख रही है। आरजेड़ी इस मुद्दे पर जेडीयू के साथ है जबकि नीतीश सरकार में शामिल बीजेपी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। ऐसे में क्या बिहार में खेला हो सकता है, क्योंकि आरजेडी ऐसे ही सियासी संदेश दे रही है।