pmch

आज का बिहार, आधुनिकता की बाईपास पर चलता बिहार अब इस बाईपास पर दौड़ने को तैयार है। और इसी कर्म में इस आधुनिक बिहार में आपको कई ऐसी चीज़ें मिलेंगी जो दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है। इसमें बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग, भागलपुर का तसर सिल्क सहित और भी कई चीज़ें शामिल है। तो वहीं बिहार की कुछ चीज़ें एशिया सहित देश में भी अपनी अलग पहचान बनाये हुए हैं। इस सूची में राजधानी पटना में जापानी स्ट्रक्चर पर बना Bihar Museum है, पटना जंक्शन का वेटिंग हॉल है और साथ ही कई और चीज़ें हैं। लेकिन अब इस सूची में एक और कीर्तिमान स्थापित होने जा रहा है। और वो हैं बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल PMCH जो आने वाले समय में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और आधुनिक अस्पताल होगा। जहां मरीजों के लिए कई तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएगी। 5 सालों में तैयार होने वाला ये प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री नितीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है। जिसके विस्तार का काम काफी तेजी से चल रहा है।

आधुनिक हो रहे भारत में बिहार भी देश के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। कदम मिला कर चल रहे बिहार में Infrastructure में काफी बड़े बदलव देखने को मिल रहे हैं। इसी कर्म में अब आपको बिहार में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा hospital देखने को मिलेगा। जो है PMCH यानी Patna Medical College And Hospital . आने वाले कुछ सालों में PMCH अब आपको काफी बड़ा देखने को मिलेगा। बिहार के मुख्यमंत्री Nitesh Kumar ने कुछ महीनों पहले PMCH के विस्तार का शिलान्यास किया। 7 सालों का ये Project 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। PMCH अब वर्ल्‍ड क्‍लास हास्पिटल बनने जा रहा है। निर्माण के लिए जिम्‍मेदार लोगों से निर्धारित 7 सालों की बजाए 5 साल में ही काम पूरा करने को कहा गया है।

आपको बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल ताइवान (Taiwan) का चांग गंग मेमोरियल हॉस्पीटल (Chang Gung Memorial Hospital) है। इस अस्पताल की स्थापना साल 1978 में कई medical specialities पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई थी। इस अस्पताल में कुल 10,050 beds हैं। और हर साल औसतन 8.2 मिलियन बाहरी पेशेंट विज़िट करते हैं। हर साल औसतन 167,460 सर्जिकल मरीज मिलते हैं।

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनने की ओर अग्रसर PMCH, लगभग 5540 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाला है। विस्तृत हो रहे इस अस्पताल में 5462 बेड होंगे। PMCH में अभी कोविड वार्ड को मिलाकर लगभग 1800 बेड की क्षमता है। अगले 5 साल में PMCH में 5462 बेड का अस्पताल पूरी तरह से तैयार कर लिया जायेगा। जिसे तीन फेज में त्यार किया जायेगा।

पहले फेज में 2073 बेड़ों का अस्पताल आने वाले 3 साल यानी 2024 तक तैयार किया जायेगा। जो कि 7 मंजिला होगी। इसके बाद दूसरे और तीसरे फेज में अन्य विभाग बनाये जायेंगे। जहाँ एक ही छत के नीचे मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग हॉस्टल, डॉक्टर चैंबर, क्लास रूम, सभी तरह की जांच सुविधाएँ, पैथोलॉजी सुविधाएं, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड से लेकर MRI, ब्लड बैंक जैसी कई सुविधाएं विकसित की जायेँगी।

1925 में स्थापित PMCH देश के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। बन रहे नए भवन में कुल 36 सुपर स्पेशियलिटी भवन काम करेंगे। अभी PMCH में इनकी संख्या 8 है। साथ हीं ये भारत का सबसे पुराना कैंसर संस्थान भी है। बन रहे नए भवन में पूरा भवन automatic fire fighting system, medical gas pipeline, power sub station, underground sewerage system, waste disposal system जैसे सुविधाओं से लैस होगा। इसके साथ ही लगभग पांच हजार वाहनों की पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी।

नए भवन विकसित होने के बाद यहां मरीजों को इलाज की कई नई सुविधाएं मिलने लगेंगी। यहां कुल 28 नए विभाग खुलेंगे,जिसमें Organ Transplant (अंग प्रत्यारोपण), Minimal Invasive Surgery, Transfusion Medicine, Geriatric, General ICU का अलग से 265 बेड आदि शामिल हैं। जहां पर पहली बार किडनी, लिवर आदि अंगों का Transplant शुरू हो जाएगा। यह सुविधा पहले फेज के निर्माण के बाद से ही मिलने लगेगी। इस इकाई में 55 बेड होंगे।

इन सभी सुविधाओं के साथ बजुर्गों का ख्याल करते हुए यहाँ 60 साल से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों के लिए अलग से एक विभाग जिसका नाम जेरियाट्रिक (Geriatric) है वो भी शुरू होगा। इसमें बुजुर्ग नागरिकों के लिए अलग से इलाज की व्यवस्था होगी। इसमें कुल 72 बेड होंगे। मिनिमल इन्वैसिव सर्जरी एक तरह से लैप्रोस्कोपिक (Laparoscopic) और अन्य आधुनिक सर्जरी विभाग होगा, जहां गॉल ब्लाडर, हॉर्निया, हाइड्रोसिल, किडनी स्टोन जैसी सर्जरी बिना चीड़-फाड़ के दूरबीन विधि यानी telescopic method से की जा सकेगी।

बात अब ट्रांसफ्यूजन मेडिसीन (Transfusion Medicine) विभाग की करे तो एक तरह से ब्लड बैंक और खून चढ़ाने की इकाई होगी, साथ ही वहां नए शोध जैसे काम किये जायेंगे। यही नहीं पहले फेज का निर्माण पूरा होने के बाद से ही 200 की जगह MBBS की 250 सीटों पर नामांकन की सुविधा शुरू हो जाएगी।

काफी तेज़ी से आधुनिक बन रहे बिहार में अब हेल्थ सुविधा भी और बेहतर होगी। जहां देश सहित दुनिया भर से मरीज इलाज करवाने पहुंचेंगे। इस अस्पताल के विस्तार का काम काफी तेजी से चल रहा है। जिसे देख कर लग रहा है कि आने वाले 5 सालों में ये अस्पताल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्प्ताल बन कर तैयार हो जायेगा।