कोरोना वायरस संकट ने देश और दुनिया को बता दिया है कि मानवीय जीवन के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर होना कितना अहम है। कोरोना काल में चारों तरफ अस्पताल, बेड और दवाओं के लिए हाहाकार मचा है और इसी कोरोना ने हमारे हेल्थ सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। तब भी सरकारें स्वास्थ्य की बुनियादी ढांचाओं की ओर ध्यान नहीं दे रही हैं। बिहार से प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स की कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि यहां कोरोना से कैसे जंग लड़ी जा रही है। बिहार में हेल्थ सिस्टम की इन तस्वीरों को देख किसी को भी गुस्सा ही आएगा कि यहां कहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर भैंस बंधे हैं तो कहीं सुनसान पड़ा है।
बिहार के समस्तीपुर की इन तस्वीरों को देखकर कोई शायद ही कहेगा कि यह प्राइमरी हेल्थ सेंटर है, जहां भैंस बंधा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इन तस्वीरों को शेयर किया है, जहां समस्तीपुर के मोरवा ब्लॉक के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में देखा जा सकता है कि पशु बंधे हैं। वहीं चकलाशाही में स्थित एक अन्य हेल्थ सेंटर सुनसान पड़ा है और ताला बंद है।
Bihar | Primary Health Centre in Samastipur’s Morwa block is being used as a cattle shelter while another Health Centre in Chaklalshahi (pic 3) area looks deserted
— ANI (@ANI) May 27, 2021
“Doctors come once in a month for vaccination of children. There’s no medicine/injection for others,”says a local pic.twitter.com/krLtZ4COjn
इस पर स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां महीने में एक बार बच्चों के टीकाकरण के लिए डॉक्टर आते हैं। यहां अन्य लोगों के लिए न कोई दवाई है और न इंजेक्शन।
समस्तीपुर के रसलपुर में स्थित हेल्थ सब सेंटर का भी कुछ ऐसा ही हाल है, जो तस्वीरों में बंद दिख रहा है और उसके ठीक सामने मवेशी बंधे हैं। इस सब-सेंटर में रहने वालीं उमा देवी का कहना है कि यहां कल कोरोना का टीका लगाया गया। हम इस केंद्र की नर्स को 1000 रुपये प्रति माह का किराया देते हैं।
ये स्वास्थ्य उप केन्द्र बेगूसराय जिले के बलिया प्रखंड के राहटपुर पंचायत में स्थित है. इस केन्द्र पर दियारा क्षेत्र के हजारों की आबादी निर्भर है. कागज पर तो यह अस्पताल चल रहा है लेकिन मौजूदा समय में यह खंडहर में तब्दील हो चुका है. फिलहाल मवेशियों का चारागाह बना है. pic.twitter.com/gi4u4K2pi4
— अविनाश कुमार (@ak_rahat) May 27, 2021
ठीक इसी तरह के एक स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीर को एक ट्विटर यूजर ने साझा किया है। अविनाश कुमार नामक यूजर का दावा है कि बेगूसराय जिले के बलिया प्रखंड के राहटपुर पंचायत में स्थित यह स्वास्थ्य उप केंद्र सिर्फ कागजों पर चल रहा है और मौजूदा समय में यह खंडहर में तब्दील हो चुका है। फिलहाल यह मवेशियों का चारागाह बना है।