बिहार में अगर अब घोटालेबाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उन्हें इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा। नीतीश सरकार ने अब घोटाले बाजों पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब बिहार में आने वाले दिनों में घोटालेबाजी करना या उससे बचना बिलकुल भी आसान नहीं होगा। सरकार ने इसके लिए पुरे तरीके से तैयारी कर ली है। बिहार में अब ऑडिट के स्वरूप में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। बिहार में अब 11 तरह की ऑडिट कराई जाएगी।
आजादी के 74 साल बाद,पहली बार ऐसा होगा कि बिहार में अंकेक्षण संहिता यानी ऑडिट के लिए नया मैनुअल लागू किया जाएगा। इसका स्वरूप भी तैयार कर लिया गया है। राज्य सरकार ने 11 तरह के ऑडिट का प्रावधान इस नए ड्राफ्ट में किया है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक़, कैबिनेट में जल्द ही इस प्रस्ताव पर मुहर भी लग सकती है। सीएजी की रिपोर्ट में लगातार कई तरीके की वित्तीय गड़बड़ी समेत अन्य तरह के मामले सामने आते रहे हैं। ऑडिट कोड व मैनुअल लागू होने के बाद इन सभी पर लगाम लग पाएगी।
राज्य सरकार ने 11 तरह की ऑडिट के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया है उसमें फॉरेंसिक ऑडिट, ट्रांजैक्शन ऑडिट, सिस्टम ऑडिट, जोखिम आधारित ऑडिट, प्री ऑडिट, कंप्लायंस ऑडिट, परफारमेंस ऑडिट, आईटी ऑडिट, रिसोर्स ऑडिट, आउटकम ऑडिट, और कमर्शियल ऑडिट शामिल है।
बिहार सरकार ने वित्तीय प्रक्रिया को और भी पुख्ता बनाने के लिए इस नई तकनीक का सहारा लिया है ताकि सरकार घोटाले बाजों को आसानी से पकड़ पाए। नई ऑडिट पॉलिसी से घोटाला करने वाले आसानी से कानून की गिरफ्त में आ पाएंगे जिससे उनके अंदर ख़ौफ़ पैदा होगा। इस ऑडिट कोड की मदद से सरकार बेफिज़ूल के खर्चों पर भी लगाम लगा पाएगी, जिससे राज्य में राजस्व संग्रह के कमी वाले सेक्टर की पहचान भी हो पाएगी।