देश में मंकीपॉक्स (MonkeyPox) का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ ही अब ये खतरा बिहार में भी अपना पैर फैलाना चाहता है। पिछले 24 घंटों के अंदर बिहार में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आ गए हैं। जी हां, राजधानी पटना के बाद अब नालंदा जिले के राजगीर में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि बिहार में फिलहाल मंकीपॉक्स के जांच की सुविधा नहीं है। बिहार में मिल रहे मंकीपॉक्स के सैंपल्स को जांच के लिए पुणे भेजे जा रहे हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद इस बात की पुष्टि होगी कि ये संदिग्ध मरीज मंकीपॉक्स से ग्रसित हैं या नहीं।
आपको बता दें कि राजगीर में मिले संदिग्ध मरीजों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए पुणे भेजा है। बिहार में मिल रहे मंकीपॉक्स संदिग्ध को लेकर मंगलवार, 26 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने हाईलेवल मीटिंग की। पटना के खाजेकलां थाना इलाके के गुरहट्टा खत्री गली में रहने वाली एक महिला में मंकीपॉक्स के लक्षण देखने को मिले हैं। बुखार के बाद महिला के हाथ में जुलपती जैसा हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डॉक्टर और पीएमसीएच (PMCH) के विशेषज्ञों ने उस महिला का सैंपल ले लिया है।
हालांकि महिला की ट्रेवल हिस्ट्री को खंगालने पर उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे मंकीपॉक्स का केस होने से इनकार कर रहे हैं। वहीं, नालंदा जिले के राजगीर में एक युवक को भी मंकीपॉक्स का संदिग्ध पाया गया है। उसके शरीर पर दाने दिखने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसका सैंपल ले लिया है। सैंपल को जांच के लिए पुणे भी भेजा जा रहा है। रिपोर्ट 4-5 दिन में आएगी।
बिहार राज्य में मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को देखते हुए प्रसाशन ने सतर्कता बढ़ा दी है। कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने बिहार में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग में उच्च अधिकारियों की बैठक हुई।
इस बैठक में विशेषज्ञों ने सभी जिलों के अधिकारियों को मंकीपॉक्स के संदिग्धों की तलाश करने और इसके बारे में जागरुकता फैलाने के निर्देश दिए। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में आशा कार्यकर्ता और एएनएम के जरिए लोगों को मंकीपॉक्स को लेकर जागरूक करने की बात कही गई। साथ ही इस बीमारी से जुड़े सभी मामलों का रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए।