बिहार के एक प्रोफेसर इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल, मिथिलांचल इलाके के प्रमुख शहर दरभंगा के एक कॉलेज शिक्षक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा (Pro. Prem Mohan Mishra) ने रसायन शास्त्र यानी केमिस्ट्री की एक बुक का मैथिली में अनुवाद किया है। उन्होंने ग्रेजुएशन और पीजी में पढ़ाई जाने वाली सीएन बैनवेल और एलिन द्वारा लिखी पुस्तक “फंडामेंटल प्रिन्सिपुल्स आफ मालीक्यूलर स्पैक्ट्रोस्कोपी” (Fundamental Principles of Molecular Spectroscopy) का मैथिली अनुवाद किया।
प्रो. मिश्रा की ये किताब चर्चा में तब आई जब इस पुस्तक की मांग राष्ट्रपति भवन से होने लगी। उन्हें इस किताब को लेकर राष्ट्रपति भवन से एक ईमेल भेजा गया, जिसमें इस किताब को भेजने को कहा गया। उन्होंने इस बुक का मैथिली अनुवाद डीईओ ऑफिस के माध्यम से राष्ट्रपति भवन भेज दिया है। पुस्तक प्राप्ति की सूचना भी प्रो. मिश्रा को मेल से दी गई।
बता दें की प्रो. मिश्रा ने इस बुक का अनुवाद वर्ष 2017 में किया था। प्रो. ने इस पुस्तक का अनुवाद यह सोचकर किया था कि इसे पढ़कर छात्र-छात्राओं को अपनी मातृभाषा में विषय वस्तु को समझने में सुविधा होगी। भारत में प्रचलित सभी भाषाएं भारतीय भाषा है। मैथिली संविधान के अष्टम अनुसूची में भी शामिल है।