जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। और दूसरी ओर सरकार और प्रशासन शराबबंदी को लेकर काफी सख्ती भी बरत रही है। इसी बीच जदयू और भाजपा के बीच शराबबंदी को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन इन सब के बीच न्यायालय में मद्य निषेध से जुड़े लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन करने के फिराक में है।
निजी मीडिया हाउस में चल रहे ख़बरों के मुताबिक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इसको लेकर संशोधन प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। सरकार द्वारा किये जाने वाले नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकड़े गए आरोपियों को थोड़ी राहत दी जा सकती है। अब शराबियों को शराब पीने के जुर्म में जेल भेजने की जगह मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोड़े जाने का प्रविधान किया जा सकता है। और जो शराबी जुर्माना नहीं भरेंगे उस स्थिति में उसे जेल भेजा जाएगा।
बता दें कि सरकार द्वारा ये संशोधित कानून शराब बनाने और बेचने वालों पर लोग नहीं किया जायेगा। ऐसे लोगों पर पहले के कानून की तरह ही करवाई की जाएगी और प्रशासन सख्ती बरतेगी। इस संशोधन के प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में ऐसी ख़बरें चल रही है कि शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव बजट सत्र के दौरानसदन में लाया जा सकता है।