रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्ध को देखते हुए इंडियन एम्बेसी के द्वारा पिछले दिनों यह एडवाइजरी जारी की गयी थी कि जितने भी इंडियन यूक्रेन में फसे हैं वो अपने गाड़ियों पर तिरंगा लगा कर निकलें। उनको यूक्रेन और रूस कोई भी कुछ नहीं करेगा। इसके बाद कई भारतीय अपनी अपनी गाड़ियों और कैब पर तिरंगा लहरा यूक्रेन से सटे देश पहुँचने लगे। इस एडवाइजरी से न सिर्फ भारतीयों को सही सलामत अपने वतन लौटने में मदद मिल रही है बल्कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी इसकी मदद मिल रही है। तिरंगे के साए में आकर पाकिस्तानी छात्र भी अपनी जान बचा रहे हैं।
कई पाकिस्तानी भारतीय झंडा लगे वाहनों में चढ़ कर यूक्रेन बार्डर तक पहुंच रहे हैं। यूक्रेन से बिहार लौटे राशिद इरफानी ने वहां के हालातों को बयां करते हुए बताया कि उन्होंने कई पाकिस्तानी छात्रों की जान बचाई। और उन्हें भारतीय झंडा लगे वाहनों में सवार होते भी देखा। इरफानी यूक्रेन में फसे भारतीय छात्रों में से एक हैं।
मीडिया से बात करते हुए इरफानी ने बताया कि उसके कई दोस्त अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। वह लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं। इरफानी के मुताबिक पाकिस्तानी छात्र भी भारतीय झंडा लगे वाहनों में चढ़ कर यूक्रेन बार्डर तक पहुंच रहे हैं। रोमानिया के एनजीओ के द्वारा शरणार्थी को बेहतर प्रबंध कर रहे हैं। माइनस पांच डिग्री तापमान में वे सभी लोगों के खाने-पीने और गर्म कपड़ों की व्यवस्था में लगे हैं।
छात्र ने आगे बताते हुए कहा कि बिहार सरकार ने दिल्ली से पटना और वहां से सकरी घर तक पहुंचाया। जिसके लिए वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दे रहे हैं। हाल में एक यूक्रेन से सकरी लौटे एमबीबीएस छात्र ने बताया कि यूक्रेन में छात्र-छात्राएं बंकरों में रह रहे हैं और जीवित रहने के लिए रोज ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। यूक्रेन में हालात इतने ख़राब हो रहे हैं कि छात्रों को एक बोतल पानी के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है। दिनभर बड़े विशालकाय टैंक सड़कों पर घूम रहे हैं। तो रातभर आकाश से बम और मिसाइलों की बारिश होती है।