shadi

आये दिन दहेज़ को लेकर आते प्रताड़ना के खबरों के बीच, बिहार के दो जजों ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसका सम्मान उनके घर वालों के साथ साथ हर इंसान कर रहा है। ये हैं खगड़िया सिविल कोर्ट के जज आदित्य प्रकाश और पटना सिविल कोर्ट की जज आयुषी कुमारी। इस शादी के चर्चे सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, ये खबर भी सोशल मीडिया से ही ली गयी है, जिसके अनुसार जज आदित्य प्रकाश और आयुषी कुमारी बिल्कुल नए अंदाज में दिन के उजाले में महज 40 मिनट में बिना दहेज और बिना परंपरा के संविधान की शपथ लेकर विवाह बंधन में बंध गए।

इस शादी में न बैंड बाजा, न बाराती,न पंडित, न कन्यादान, न सिंदूरदान, न ही अग्नि के सात फेरे लिए गए। इन्होंने इंविटेशन कार्ड भी अनोखा रहा। जिसे शपथ पत्र को ध्यान में रखते हुए छपवाया गया और मेहमानों को आमंत्रित किया गया। जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली- ‘मैं अपनी पत्नी को अधिकार देता हूं कि वह अब सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करेगी।’

राजधानी के आम्रपाली रेस्टोरेंट में आयोजित इस शादी की खास बात यह भी रही कि पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़ा। इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ा, फिर एक-दूसरे को जयमाला पहनाया। इस तरह दोनों सदा के लिए एक-दूसरे के हो गए।

इस अनोखे विवाह समारोह में वर और कन्या पक्ष से महज 100 लोग शामिल हुए। इनके लिए खाने का भी प्रबंध था। जज आदित्य प्रकाश वैशाली जिला मुख्‍यालय हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं। वहीं, उनकी पत्नी आयुषी कुमारी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पूर्णेन्दू नगर की निवासी हैं।

इन दोनों जजों ने इस शादी से लोगों को ये उदाहरण दिया है की बेहद कम खर्च और बिना किसी ताम झाम के कैसे आप खूबसूरती से शादी कर सकते हैं, और दहेज़ प्रथा के गाल पर जोरदार तमाचा मार सकते हैं।