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अनलॉक-6 के तहत धार्मिक स्थलों के खुलने के बाद से अब मंदिरो-मठो में गुंजेंगी घंटियाँ की आवाज़। लम्बे वक़्त से बंद पड़े मंदिरो में पूजा-कीर्तन एक बार फिर शुरु हो चूका है। ऐसे में कृष्ण जन्माष्ठमी आने वाली है जिसको लेकर राज्य के सभी मंदिरो में रौनक और भी बढ़ गई है।

30 अगस्त को भगवान श्री कृष्णा के जन्मदिन यानि कि कृष्ण जन्माष्ठमी है। ऐसे में मंदिरो के सजाने एवं सवारने का काम ज़ोरो-शोरो से शुरु हो गया है। पहले रक्षा-बंधन को लेकर और अब जन्माष्टमी को लेकर शहर के अधिकतम गालियाँ रौशनदार हुए पड़े है। पहले राखी कि तैयारियों के बाद शहरवासियों को अब जन्माष्टमी की तैयारियों में मशगूल होते देखा जा सकता है। अनलॉक-6 के तहत राहत मिलते ही मंदिरो के आस-पास के इलाकों, मार्केटों में लोगो की भीड़ उमड़ रही है। बाज़ार के सभी दुकानों में भगवान की पूजा अर्चना करने की सामग्री, सजावट के सामान, राधा कृष्ण की मुर्तिया, कृष्ण जी के झूले, पोषक, मुकुट एवं खिलौने सब मिलने लगें है। साथ ही मंदिरों में साफ़-सफाई के काम भी फुर्ती से चल रही है।

पिछले साल कोरोना काल में जन्माष्टमी का कार्यक्रम सार्वजनिक तौर से नहीं मनाया गया था। ऐसे में इस साल कोरोना संक्रमित की संख्या कम होने एवं अनलॉक-6 के तहत राहत मिलने के बाद से जन्माष्टमी को धूम धाम से मनाने की योजना चल रही है। फिलहाल इस्कॉन मंदिर, राधाकृष्ण द्वारिका मंदिर, कंकरबाध स्थित पंचशिव मंदिर आदि जगहों पर तैयारियां धूम धाम से चल रही है।