बिहार में कोरोना संक्रमण की घटती दर को देखते हुए नीतीश सरकार राज्य के स्कूल-कॉलेजों को खोलने की तैयारी में है। शुक्रवार को राज्य आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में कोरोना को लेकर पहले से जारी पाबंदियों में ढील करने के मामले में काफी विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में राज्य के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने के मामले पर विमर्श किया गया। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि आपदा प्रबंधन समूह की एक और बैठक अभी हो सकती है। जिसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जायेगा।
बता दें कि पहले से जो करोना प्रोटोकॉल जारी किया गया है, उसकी डेडलाइन 6 फरवरी है। इसी दिन सरकार द्वारा अंतिम फैसला लिया जायेगा। इसके बाद बिहार सरकार ने 30 दिसंबर को राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज,कोचिंग संस्थान के साथ साथ राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को बंद करने का फैसला लिया था। लेकिन अब राज्य में कोरोना संक्रमण दर 3.67 फीसदी से घटकर 0.3 फीसदी पर आ गई है। हर दिन संक्रमण के मामले घट रहे हैं। अब बात दूसरे राज्यों कि करें तो वहां भी संक्रमण दर में गिरावट देखि गयी है जिस कारण वहां नाइट कर्फ्यू हटा दिया गया है और स्कूल कॉलेज भी खोलने का फैसला लिया गया है।
बीते शुक्रवार को हुए आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में जिलों से कोरोना की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली गई। जहां जिलों में कोरोना की स्थिति काफी हद तक संतोषजनक पाई गई है। बता दें कि पिछले दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि 7 फरवरी से राज्य के सभी स्कूल कॉलेज खोल दिये जायेंगे। आज के होने वाले आपदा प्रबंधन समूह में इस बैठक के बाद पता चल जायेगा कि राज्य सरकार किन किन पाबंदियों में ढील देगी। क्या स्कूल कॉलेजों के साथ साथ सिनेमा हॉल भी खुलेंगे।