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चुनाव में नहीं चलेगी किसी की मनमानी, cVIGIL ऐप पर करें धांधली की शिकायत

भारतीय निर्वाचन के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने cVIGIL ऐप का जिक्र किया, जिसको लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है। कई लोग ऐप को लेकर सवाल पूछ रहे हैं, और जानना चाहते हैं आखिर इसे कैसे डाउनलोड किया जा सकता है।

जानिए cVIGIL ऐप का उपयोग

चुनाव आयोग ने सी-विजिल ऐप को चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए तैयार किया है। इस ऐप की मदद से वोटर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं। इस ऐप को सभी एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए तैयार किया गया है। ऐप पर शिकायत करने के लिए यूजर को स्मार्टफोन के कैमरे और GPS एक्सेस की जरूरत होती है।

जिस राज्य में चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाती है। वहां के लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिंग खत्म होने तक, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत इस ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है।

आचार संहिता के दौरान नेताओं की तरफ से किसी भी तरह के कोई गैरकानूनी दस्तावेज बांटने, भ्रष्टाचार और विवादित बयानों की शिकायत इस ऐप के जरिए कर सकते हैं।

सी-विजिल ऐप पर शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे वो 5 मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास चला जाएगा।
शिकायत सही होने पर 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान किया जाएगा।

मई 2019 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान इस ऐप का इस्तेमाल पहली बार किया गया था। उसके बाद से लगातार ऐप का इस्तेमाल चुनावों में किया जा रहा है।

ऐसे करें शिकायत दर्ज

इस ऐप को इन्स्टॉल करना होगा। ऐप इन्स्टॉल होने के बाद रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए शिकायतकर्ता को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा और पिनकोड की जानकारी देनी होगी। एक OTP की मदद से इसका वैरिफिकेशन किया जाएगा। अब शिकायत करने के लिए फोटो या कैमरे को सिलेक्ट करें। शिकायतकर्ता 2 मिनट तक का वीडियो ऐप पर अपलोड कर सकता है। फोटो और वीडियो से जुड़ी डिटेल के लिए एक बॉक्स भी मिलता है, जहां उसके बारे में लिखा जा सकता है।

चुनाव आयोग के मुताबिक जो फोटो या वीडियो अपलोड किया जाता है, उससे उस जगह की लोकेशन भी पता चल जाती है। फोटा या वीडियो अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनीक ID मिलेगी। इसके जरिए वे मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, ऐप पर पहले से रिकॉर्ड वीडियो या फोटो अपलोड नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, ऐप से रिकॉर्ड किए गए वीडियो या फोटो फोन गैलरी में सेव नहीं होंगे।

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