भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने दिसंबर में आने वाले चक्रवात के लिए अलर्ट जारी किया है। इस चक्रवात को देखते हुए दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में चक्रवात से संबंधित स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की। आपको बता दें कि यह तूफान 4 दिसंबर की सुबह आन्ध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है। देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून खत्म होने के बाद यह पहला चक्रवाती तूफान है। मौसम पूर्वानुमान विभाग (Weather Forecast Department) के द्वारा तूफान ‘जवाद’, 3 दिसंबर को मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के विकसित होने की संभावना जताई गयी है।
कैसे पड़ा तूफान का नाम ‘जावेद’ ?
तूफान ‘जवाद’, चक्रवात के दौरान चक्रवाती क्षेत्र में 117 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके कारण आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। पिछले साल जहां अम्फान तूफान ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी तबाही मचाई थी, वहीं इस साल मई में भी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र व गुजरात आदि को प्रभावित करने वाले ताउते और यास तूफान ने राज्यों को प्रभावित किया था। और अब ‘जावद’ के कारण उत्तरी महाराष्ट्र और गुजरात में भी बारिश की संभावना जताई गई है। ‘जवाद’ चक्रवात का नाम सऊदी अरब के सुझाव पर रखा गया है। ‘जवाद’ एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ उदार या दयालु होता है। अपने नाम की तरह ही यह तूफान विनाशकारी नहीं होने की संभावना जताई गयी है।
IMD ने के अनुसार थाईलैंड तट पर एक कम दबाव का सिस्टम विकसित हो हुआ है। जो जल्द ही अंडमान सागर में प्रवेश करेगा। इससे निम्न दबाव का क्षेत्र मजबूत होगा और 2 दिसंबर तक यह बंगाल की खाड़ी तक पहुंच जाएगा। IMD के एक स्पेशल मौसम बुलेटिन में बताया गया है कि 4 दिसंबर की सुबह चक्रवात आन्ध्र प्रदेश और ओडिशा के तट को पार कर सकता है।