31 मार्च को फाइनेंसियल ईयर खत्म होने जा रहा है और 1 अप्रैल 2022 से नया फाइनेंसियल ईयर शुरू होगा। और इसी साथ कई नियमों में बदलाव होंगे तो कई नियम पिछले फाइनेंसियल ईयर की तरह ही रहेंगे। तो चलिए जानते हैं की आने वाले 1 अप्रैल से इनकम टैक्स के कौन कौन से नियमों में बदलवा होने जा रहे हैं।
1 अप्रैल से इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़े कई नियमों में बदलाव हो जायेंगे। जिसमें आपको नए वित्त वर्ष में आयकरदाताओं के लिए एक विशेष सहूलियत दी गयी है। और यह सहूलियत ये है कि यदि आप किसी गड़बड़ी या गलती को सुधारकर फिर से ITR भरना चाहते हैं तो आप ITR भर सकते हैं। यानी टैक्सपेयर अब रिलेवेंट असेसमेंट साल (relevant assessment year) से दो साल के भीतर एक अपडेटड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
इसके साथ राज्य सरकार के कर्मचारी अब नियोक्ता द्वारा अपनी बेसिक सेलरी और महंगाई भत्ते के 14% तक NPS योगदान के लिए सेक्शन 80CCD (2) के तहत कटौती का दावा कर सकेंगे, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कटौती के अनुरूप होगा।
1 अप्रैल से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने आयकर (25वां संशोधन) नियम 2021 को लागू करने का फैसला किया है। जिसके तहत यदि आप अपने EPF अकाउंट में 2.5 लाख रुपये तक डालते हैं तब ही वह टैक्स फ्री रहेगा। अगर इससे ज्यादा पैसा डालते हैं तो उसपर आपको मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स चुकाना होगा।
क्रिप्टो करेंसी को लेकर भी इस बार बजट में बड़ी बातें कई गयी हैं। जिसमें अब आपको क्रिप्टो करेंसी से होने इनकम पर 1 अप्रैल से टैक्स चुकाना होगा। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए फाइनेंसियल ईयर के शुरू होने के साथ ही आय पर 30% का टैक्स लागू हो जायेगा। और फिर 1 जुलाई 2022 से इस पर 1 फीसदी का TDS लागू होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में बजट पेश करते हुए साफ़ बताया था कि क्रिप्टो एसेट से होने वाली कमाई पर कितना टैक्स लगेगा। जो इंडिविजुअल्स/HUFs I-T एक्ट के तहत अपने अकाउंट ऑडिट करवाते हैं, उनके लिए TDS की लिमिट 50,000 रुपये सालाना रहेगी।
इसी के साथ अगर आपको क्रिप्टो में या किसी डिजिटल एसेट में हानि होती है तो अब आप उस हानि को अपने फायदे के साथ सेट-ऑफ नहीं करवा पाएंगे। यानी अगर आप 2 डिजिटल करेंसी खरीदते हैं, जिसमें एक करेंसी में आपको नुकसान होता है और एक करेंसी में आपको फायदा तो आपको फायदे वाले करेंसी पर आपको 30% इनकम टैक्स देना होगा। फायदे और नुकसान को अब आप सेट-ऑफ नहीं करवा सकते। हांलाकि भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने पर सेट-ऑफ का ऑप्शन दिया जाता है।