भारत और संयुक्त अरब अमीरात, आर्थिक और व्यापार सहयोग के स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहा है। दरअसल, भारत और यूएई ने ऐतिहासिक Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) पर हस्ताक्षर किए। इस सौदे पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस एच ई शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (H.E. Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan) के बीच वर्चुअल शिखर बैठक के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। इस मौके पर पियूष गोयल (Piyush Goyal) मौजूद थें।
यह समझौता भारतीय और यूएई के व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा, जिसमें बढ़ी हुई बाजार पहुंच और कम टैरिफ शामिल हैं। इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक व्यापार को बढ़ाकर 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना है। CEPA कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़ा, जूते, फार्मा, कृषि उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, प्लास्टिक, खेल के सामान और ऑटोमोबाइल जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों में 10 लाख रोजगार पैदा करेगा।
CEPA से दोनों देशों में नई नौकरियां पैदा करने, जीवन स्तर बढ़ाने और व्यापक सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करने की उम्मीद है। यूएई वर्तमान में 2019/2020 में द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका मूल्य 59 बिलियन डॉलर है। संयुक्त अरब अमीरात अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है, जिसका निर्यात 2019-2020 में 29 बिलियन डॉलर था।