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क्या Corona और 5G Network के बीच है कोई रिश्ता? जानिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का जवाब

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क्या 5G टेस्टिंग के कारण आई COVID-19 की दूसरी लहर? जानें क्या है इस वायरल पोस्ट की सच्चाई

Coronavirus: भारत में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वहीं देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया  (Social Media) पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. इन्हीं से एक दावा यह है कि 5जी की टेस्टिंग के कारण कोरोना यह फैल रहा है. एक दावा यह भी है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि 5G टेक्नोलॉजी (5G Technology) की टेस्टिंग का परिणाम है. इसका जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट में दिया है. 

कोरोना के लिए 5G की टेस्टिंग जिम्मेदार! (5G testing responsible for Corona!)
‘हिंन्दुस्तान’ में छपी खबर के मुताबिक पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर ऐसे संदेशों की भरमार है, जिनमें कोरोना के लिए 5G की टेस्टिंग को जिम्मेदार बताया गया है. इन संदेशों में कहा जा रहा है कि 5G टावरों की टेस्टिंग से निकलने वाला रेडिएशन हवा को जहरीला बना रहा है, इसलिए लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. वायरल मैसेज में सरकार से टेस्टिंग पर तुरंत रोक लगाने की मांग भी की गई है.

वायरल मैसेज में किया जा रहा है यह दावा

यह वायरल मैसेज हिन्दी में लिखा है और इसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना की सेकेंड वेव 5G टावर्स की टेस्टिंग के कारण आई है. इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि इसका रेडिएशन हवाओं को जहरीला बना देता है जिसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.

इसके साथ इसमें 4G, 5G रेडिएशन के दुष्प्रभावों को लेकर एक लिस्ट भी दिया गया और साथ ही लोगों को इस टेक्नोलॉजी का विरोध करने के लिए कहा जा रहा है. यह इमेज और कुछ ऐसे ही टेक्सट फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं जिसकी सत्यता जाने बिना लोग लगातार इसे शेयर कर रहे हैं.

टेस्टिंग पर रोक की मांग (Demand to ban testing)
वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है कि रेडिएशन की वजह से घर में हर जगह करंट लगता रहता है और गला सामान्य से कुछ ज्यादा सूखता है. इन पोस्ट में कहा गया है कि यदि इन 5G टावरों की टेस्टिंग पर रोक लगा दी जाए, तो सब ठीक हो जाएगा. इन संदेशों को शेयर करने वाले कुछ लोगों ने अपने साथ ऐसा होने का दावा भी किया है. 

WHO ने सभी दावों को बताया गलत (WHO says all claims are fake)
कोरोना महामारी को लेकर फैलाई जा रही इन खबरों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट में जवाब दिया गया है. WHO की रिपोर्ट में ऐसे सभी दावों को फर्जी बताया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 5G मोबाइल नेटवर्क से कोरोना नहीं फैलता. साथ ही यह भी बताया गया है कि कोरोना मोबाइल नेटवर्क और रेडियो तरंगों के साथ एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं पहुंच सकता. रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना उन देशों में भी हो रहा है जहां 5जी मोबाइल नेटवर्क नहीं है.

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