फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती कहा जाता है। इस दिन को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार माता सीता की जयंती 24 फरवरी यानी आज के दिन मनाई जा रही है। आज के दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की उपासना करने और उपवास रखने से उनके भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
जानकी जयंती पर भक्तों द्वारा उपवास करने और पूजा पाठ करने से व्यक्ति को जमीन दान के साथ-साथ कई तरह के महत्वपूर्ण दानों का फल प्राप्त होता है। माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि कोराजा जनक की पुत्री माता सीता का प्राकट्य हुआ था। माता सीता अपने त्याग एवं समर्पण के लिए पूजनीय हैं। इस पावन उत्सव पर माता सीता की पूजा की जाती है और साथ ही व्रत उपवास भी रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार जानकी जयंती का महत्व माता सीता को देवी लक्ष्मी के एक स्वरूप में माना गया है। शास्त्रों में लिखा है कि जानकी जयंती के दिन जो भी महिला उपवास करती हैं, उसे माता सीता की कृपा प्राप्त होती है। उस स्त्री के पति को माता सीता लंबी आयु का वरदान देती हैं। निसंतान दम्पत्तियों के लिए भी जानकी जयंती पर किया गया व्रत किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
Credit- Kanak Jha (Astrologer)