राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में एक अप्रैल से डीजल वाले ऑटो का परिचालन नहीं होगा। एक अप्रैल से पूरी तरह सीएनजी ऑटो के परिचालन से डीजल वाले ऑटो बेकार हो जाएंगे। 31 मार्च तक सभी आटो व बसों को सीएनजी में बदलने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।
राज्य सरकार की ओर से डीजल चालित आटो व बसों को सीएनजी में बदलने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके बावजूद अभी तक आधे से अधिक आटो को सीएनजी में नहीं बदला गया है। पहली अप्रैल से परिवहन विभाग की ओर से सख्ती शुरू कर दी जाएगी। डीजल से चलने वाली आटो मिली तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
शहरी क्षेत्र में लगभग 35 हजार ऑटो का परिचालन हो रहा है। डीटीओ की ओर से सिर्फ 919 चालकों को सीएनजी ऑटो खरीदने और सीएनजी किट लगाने के लिए अनुदान मिला है। सीएनजी ऑटो खरीदने के लिए 40 हजार और किट लगाने के लिए 20 हजार का अनुदान दिया गया है। राजधानी में सीएनजी आपूर्ति की जिम्मेदारी संभाल रही गेल इंडिया लिमिटेड ने सुचारू आपूर्ति की तैयारी की है। शहर में कई सीएनजी गैस स्टेशन खोले गए हैं लेकिन सीएनजी गाड़ियों की संख्या को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। अशोक राजपथ, अनीसाबाद, फुलवारीशरीफ, नाला रोड, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड आदि इलाकों में सीएनजी स्टेशन नहीं हैं। साथ ही नाला रोड, अशोक राजपथ का पूर्वी किनारा, कदमकुआं इलाका संकरा होने के कारण यहां सीएनजी पंप लगाने में परेशानी हो रही है।
गेल बिहार प्रभारी ने कहा कि बीते तीन महीनों शहर में कई नए सीएनजी स्टेशन खुले हैं। पटना शहर क्षेत्र में सीएनजी स्टेशन की संख्या 13 है। आपूर्ति बढ़ाने के लिए गैस टैंकरों की संख्या 12 से बढ़ाकर 20 की जा चुकी है।