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बिहार में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मिलने से मचा हड़कंप, IGIMS में चल रही आइसोलेशन की तैयारियां

बिहार में पिछले दिनों मिले मंकीपॉक्स संदिग्ध से पूरे बिहार में और बिहार स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। बिहार में मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को लेकर पहले ही केंद्र सरकार ने बिहार को अलर्ट किया है। लेकिन अब बिहार में मिले 2 मंकीपॉक्स संदिग्ध के मिलने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। देश भर में लगातार मिले रहे मंकीपॉक्स के मरीजों से पूरा स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड पर है। विभाग इसे कोरोना वायरस जैसे फैलने से पहले ही रोकने की कोशिश में है। इसीलिए केंद्र की तरफ से हर राज्य को मंकीपॉक्स के संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बिहार में मिले कुछ मंकीपॉक्स संदिग्धों को लेकर पूरा स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड पर है। जिसे लेकर बिहार के हर जिलों में मंकीपॉक्स संदिग्ध के पहचान के निर्देश जारी किये गए हैं। हालांकि बिहार में अभी फिलहाल मंकीपॉक्स के जांच की व्यवस्था नहीं है। बिहार में अब तक मिले मंकीपॉक्स संदिग्धों के सैंपल्स पुणे जांच के लिए भेज दिए गए हैं।

और इसके साथ ही बिहार स्वास्थ विभाग की ओर से पटना स्थित IGIMS में इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। जिसके तहत अगर बिहार में मंकीपॉक्स का एक भी मरीज मिलता है तो उसे महामारी का प्रसार माना जाएगा। और वैसे मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाएगा, ताकि दूसरे लोगों तक इस वायरस के संक्रमण ना पहुँच सके।

पटना के IGIMS के निदेशक डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा के मुताबिक मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग की SOP के तहत अस्पताल में अहम बैठक की गई। जिसमें यह फैसला लिया गया कि अगर मंकीपॉक्स का एक मरीज बिहार में मिलता है तो इसे महामारी समझकर निपटने का प्रयास किया जाएगा। और मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाएगा। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि वे मरीज किसी दूसरे मरीज या स्वास्थ्यकर्मी के संपर्क में न आए। यहीं नहीं बल्कि सैंपल लेने के लिए भी अलग टीम बनाई जाएगी।

IGIMS के निदेशक डॉ. विभूति ने बताया कि बिहार में अब तक मिले संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेने के बाद उन्हें जांच के लिए पुणे भेजा गया है। मंकीपॉक्स के मरीजों की पुष्टि होने पर उन्हें कोरोना संक्रमितों की तरह ही आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। सरकार के तरफ से मिले गाइडलाइन के आधार पर ही उनका इलाज और जांच की कार्यवाही की जाएगी।

यानि कि अब बिहार में अगर एक भी मरीज मंकीपॉक्स संक्रमित पाया जाता है तो उसे कोरोना संक्रमितों की तरह ही व्यवहार किया जायेगा। जिससे बिहार में मंकीपॉक्स का संक्रमण न फैल सके और उन्हें आइसोलेशन में रखा जायेगा। बिहार स्वास्थ विभाग द्वारा पहले ही सभी जिलों को यह निर्देश दे दिया गया है कि प्रायर्टी बेसिस पे मंकीपॉक्स के संदिग्धों की खोज कर उनका सैंपल जाँच के लिए भेजा जाये। जिससे इसके संक्रमण को शुरू होने से पहले ही रोक दिया जाये।

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